नगालैंड में मोन ज़िले के ओतिंग गांव में हुई फ़ायरिंग के मामले में पुलिस ने सेना की 21 पैरा पुलिस बल के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर लिया है। भारत-म्यांमार की सीमा से सटे मोन जिले में फ़ायरिंग में 14 ग्रामीणों और एक जवान की मौत हो गई थी।
एफ़आईआर में पुलिस ने कहा है कि सुरक्षा बलों ने हत्या के इरादे से लोगों पर हमला किया।
सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी है। इलाक़े में तनाव को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी गई है और मोबाइल इंटरनेट और मैसेज सर्विस को भी बंद कर दिया गया है। इस वजह से कोहिमा में होने वाले हॉर्नबिल त्यौहार को भी रद्द कर दिया गया है।
सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि लोगों की जान जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है और क़ानून के मुताबिक़ कार्रवाई की जाएगी।
असम राइफ़ल्स के कैंप पर हमला
घटना से ग़ुस्साए लोगों ने रविवार की शाम को असम राइफ़ल्स के कैंप पर हमला कर दिया था। इसमें एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी।
'टाइम्स ऑफ़ इंडिया' के अनुसार, लोगों ने दोषियों के ख़िलाफ़ तुरन्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कोन्याक यूनियन के दफ़्तर पर भी हमला कर दिया। कोन्याक इस इलाक़े का सबसे अधिक आबादी वाला कबीला है।
'एनडीटीवी' ने पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा है कि यह घटना 'ग़लत पहचान' के कारण हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षा बलों ने तिरु-ओतिंग सड़क पर घात लगाकर हमला करने की योजना बनाई थी और इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को विद्रोही समझ लिया।
'इंडिया टुडे' के मुताबिक़ ओतिंग गांव के लोगों का एक समूह एक मिनी ट्रक में सवार होकर घर लौट रहा था, तभी उन्हें गोली मार दी गई।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा है कि न तो सैनिक सुरक्षित हैं न ही आम नागरिक सरकार आख़िर कर क्या रही है? नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने घटना की निंदा करते हुए मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति दुख जताया है। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील है।
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