मणिपुर में रविवार को विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों और सशस्त्र उग्रवादियों के बीच झड़पें हुईं। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा है कि विभिन्न इलाक़ों में कम से कम 40 उग्रवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा है कि ये राज्य में हिंसक झड़पों के दौरान नागरिक आबादी के खिलाफ अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए जिम्मेदार थे। मारे गए लोगों के अलावा कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
ताज़ा झड़पें तब शुरू हुईं जब सेना ने शांति स्थापित करने के लिए समुदायों को हथियार रहित करने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया। पीटीआई ने एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी है कि इंफाल पश्चिम के उरीपोक में भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के घर में तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के विभिन्न जिलों में कई स्थानों पर सुबह तड़के झड़पें हुईं।
एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि कुछ क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा नई बाधाएं डाली गई हैं। अधिकारी ने कहा कि काकचिंग पुलिस थाने से मेइती समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट ख़बर है।
इस महीने के पहले हफ्ते में राज्य में हिंसा बड़े पैमाने पर भड़क गई थी। मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर मणिपुर में हिंसा होना बताया गया। मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। मेइती समुदाय को अदालत के आदेश पर अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है। आदेश के खिलाफ राज्य के जनजातीय समूहों में विरोध हो रहा है।
पूर्वोत्तर राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए अन्य अर्धसैनिक बलों के अलावा भारतीय सेना और असम राइफल्स के लगभग 140 कॉलम, जिसमें 10,000 से अधिक जवान शामिल हैं, को तैनात करना पड़ा।
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर का जल्द ही दौरा करने वाले हैं। अमित शाह ने तीन दिन पहले ही कहा है कि वह विवादों को सुलझाने में मदद करने के लिए पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा करेंगे। उन्होंने गुरुवार को मणिपुर में लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और वादा किया कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
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