मणिपुर पुलिस के अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के मामले में गिरफ्तार दो आरोपियों में से एक आरोपी भाजपा का जिला स्तर का नेता है। वहीं दूसरा आरोपी पूर्व सैनिक है। इन्हें म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले के मोरेह शहर से गिरफ्तार किया गया है। चिंगथम आनंद कुमार की हत्या अक्तूबर 2023 में कर दी गई थी।
मणिपुर पुलिस ने बताया है कि इस केस में गिरफ्तार आरोपी हेमखोलाल मेट और फिलिप खैखोलाल खोंगसाई को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से पुलिस ने पिस्तौल और अन्य हथियार बरामद किए हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक इस हत्या में गिरफ्तार आरोपी हेमखोलाल मेट तेंगनौपाल जिले में भाजपा का कोषाध्यक्ष है। इस बीच भाजपा ने आरोपी हेमखोलाल मटे को तेंगनौपाल जिला भाजपा कोषाध्यक्ष पद और पार्टी की सदस्यता से निष्कासित कर दिया है।
इस गिरफ्तारी के बाद प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एन निंबस सिंह ने कहा है कि पार्टी की कार्यकारी समिति की आपातकालीन बैठक बुलाई गई जिसमें हेमखोलाल मेट को हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है।
एन निंबस सिंह ने कहा कि हम सभी सदस्यों की व्यापक पृष्ठभूमि की जांच भी करेंगे और यदि हमारी पार्टी का कोई भी सदस्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो हम अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चिंगथम आनंद की 31 अक्टूबर, 2023 को मोरेह में एक हेलीपैड पर काम की देखरेख के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जो म्यांमार की सीमा से लगे तेंगनौपाल जिले के अंतर्गत आता है।
मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बताया है कि 15 जनवरी को मोरेह से गिरफ्तार फिलिप खैखोलाल खोंगसाई और हेमखोलाल मेट को मोरोह के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। इन दोनों को 9 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। मणिपुर पुलिस ने बताया कि इस मामले में जांच जारी है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्हें गिरफ्तार किये जाने के बाद कई प्रदर्शनकारियों ने मोरेह पुलिस थाने का घेराव किया था और आरोपी को रिहा करने की मांग की थी। उनका आरोप था कि पुलिस कमांडो ने निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया है।
मणिपुर मई 2023 से ही दो जाति समुदायों के बीच हिंसा का शिकार रहा है। मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हुई हिंसा में पिछले वर्ष 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। वहीं इस हिंसा के कारण अब तक हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं।
हाल के दिनों में सुरक्षा बलों और पुलिस ने हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। पुलिस 2023 में जातीय दंगों में शामिल लोगों को पकड़ रही है।
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