अब आप इलाहाबाद में कुंभ के दौरान गंगा के तट पर 5-स्टार होटल का आनंद ले सकते हैं। यहां आपको एलईडी टेलिविज़न, वाई-फ़ाई, वॉटर स्पोर्ट्स, योग, साइकल वगैरह की सुविधाएँ मिलेंगी। प्रवचन, प्रार्थना, सोफ़ा, लज़ीज़ शाकाहारी भोजन तो उपलब्ध होंगे ही। लेकिन इसके लिए आपको रोज़ाना 35,000 रुपए तक खर्च करने पड़ सकते हैं। यह कई सवाल भी खड़े कर रही है। तीर्थ के नाम पर मौज-मस्ती और सैर-सपाटा या शांति से ईश्वर की आराधना, यह सवाल पूछा जाना लाज़िमी है।
आस्था के महाकुंभ के दौरान लग्ज़री होटल की तमाम सुविधाएँ गंगा के तट पर उन लोगों को मुहैया कराई जाएँगी, जो अधिक पैसे खर्च कर सकते हैं। सरकार की निशाने पर हैं प्रवासी भारतीय और विदेशी पर्यटक, जो ज़्यादा पैसे खर्च कर सकते हैं।
5-स्टार टेन्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप’ के तहत निजी कंपनियों को गंगा के तट पर लग्ज़री टेन्ट लगाने और ऐसी सुविधाओं से लैस शहर बसाने की योजना बनाई है। दिल्ली की हितकारी प्रॉडकंशन्स 600 टेन्ट लगाएगी। इनमें 60 ‘गौतम स्वीट’ होंगे, जिनमें दो बेडरूम के अलावा लिविंग रूम और बाथरूम वगैरह होंगे, उच्च क्वालिटी के सोफ़ वग़ैरह होंगे। इसमें एक रात ठहरने के लिए 35,000 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा 200 लग्ज़री और 250 डिलक्स टेन्ट होंगे। इनका रोज़ का किराया 16,000 रुपये और 12,000 रुपये होगा।
पाँच निजी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के साथ मिल कर गंगा के तट पर अस्थायी टेन्ट नगर बसाने का निर्णय किया है। इन टेन्टों में योग, साइकिल चलाने, प्राकृतिक चिकित्सा और वॉटर स्पोर्ट्स की व्यवस्था होगी।
गंगा के तट पर लगाए जाने वाले इन 5-स्टार टेन्टों में लाउंज, एलईडी टेलीविज़न सेट, वाई-फ़ाई, सोफ़ा, अच्छे किस्म के चादर, स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन वगैरह का इंतज़ाम भी होगा। चौबीसों घंटे देखभाल की व्यवस्था भी होगी।
वैदिक टेन्ट
गुजरात की दो कंपनियाँ लाभ डेकरेटर्स और गाँधी कॉरपोरेशन ‘वैदिक टेन्ट शहर’ बनाएँगी। यहाँ 1,200 टेन्ट लगाए जाएँगे। इनका रोज़ाना का किराया 24,000 रुपए, 19,000 रुपए और 16,000 रुपए होगा। इन शिविरों में इसका ख़्याल रखा जाएगा कि लोगों को शान्ति और एकाकीपन मिले, उन्हें हर तरह की सुविधा मिले और प्राइवसी बनी रहे।
लेकिन मध्यम वर्ग और कम हैसियत वालों का भी ख़्याल रखा जाएगा। इलाहाबाद का लालूजी ब्रदर्स ‘कल्प वृक्ष’ नामक टेन्ट लगाएगी, जिनके एक दिन का किराया 8,500 रुपए से लेकर 3,500 रुपए तक होगा। कुछ टेंट इससे सस्ते भी होंगे जिनका किराया सिर्फ़ 650 रुपए रोज़ का होगा। लखनऊ की कंपनी लालूजी ऐंड सन्स कुंभ कैनवस नामक टेन्ट बनाएगी, जिनमें 2,500 रुपए में एक दिन रहा जा सकेगा। इसके अलावा डॉर्मिटरी में आप 1,000 रुपए देकर भी एक रात वहाँ रह सकेंगे।
कुंभ मेले में ऐसा होता है आम आदमी का आशियाना
आस्था या मौज-मस्ती?
कुंभ मेले में लाखों लोग गंगा में डुबकी लगाने के लिए पहुँचते हैं। मोट तौर पर वहाँ रहने की बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं होती है। ऐसे में 5-सितारा होटल सुविधाओं से लैस लग्जरी टेन्टों में रहने की व्यवस्था से कुछ लोगों की ज़रूरत अवश्य पूरी होगी। पर इससे यह सवाल भी उठना लाज़िमी है कि तीर्थस्थल को कुछ लोगों के लिए सैर-सपाटा और लग्ज़री की जगह क्यों बने। इसमें सरकार का सहमति और शिरकत भी कई सवाल खड़े कर सकता है।
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