अंडमान और निकोबार के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और अंडमान और निकोबार में श्रम आयुक्त के पद पर तैनात आरएल ऋषि पर 21 वर्षीय एक युवती ने सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, युवती की शिकायत पर अंडमान और निकोबार के डीजीपी के निर्देश के बाद पुलिस ने 1 अक्टूबर को अबरडीन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है।
पुलिस ने इस मामले में जांच के लिए एसआईटी भी बना दी है और इसमें एक एसएसपी और कुछ महिला पुलिस कर्मियों को रखा गया है।
जितेंद्र नारायण 1990 बैच के आईएएस अफसर हैं और 3 महीने पहले तक वह अंडमान और निकोबार में मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जितेंद्र नारायण वर्तमान में दिल्ली वित्त आयोग के प्रबंध निदेशक हैं। अखबार ने जब उनसे इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा कि वह इस तरह के बेहूदा आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जितेंद्र नारायण ने इन आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी ओर से लिखित विवरण भेज दिया है। इसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, युवती ने अपनी शिकायत में इस साल अप्रैल और मई में पोर्ट ब्लेयर में स्थित जितेंद्र नारायण के सरकारी आवास में उस पर हुए हिंसक यौन हमलों के बारे में बताया है।
अखबार के मुताबिक, युवती ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह नौकरी की तलाश में थी और इस दौरान एक होटल व्यवसायी ने उसकी मुलाकात श्रम आयुक्त आरएल ऋषि से कराई। श्रम आयुक्त उसे मुख्य सचिव के सरकारी आवास पर ले गए।
युवती ने कहा है कि वहां उससे शराब पीने के लिए कहा गया लेकिन उसने इससे इंकार कर दिया। उससे वादा किया गया कि उसे सरकारी नौकरी दी जाएगी। शिकायत में युवती ने कहा है कि दोनों अफसरों ने इस दौरान उसका यौन शोषण किया।
युवती ने कहा है कि इस घटना के 2 हफ्ते बाद एक बार फिर उसे तत्कालीन मुख्य सचिव के सरकारी आवास पर रात को 9 बजे बुलाया गया और फिर से उसका यौन शोषण किया गया। युवती ने कहा है कि उसे धमकी दी गई कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो इसका बुरा नतीजा होगा।
युवती ने शिकायत में कहा है कि जितेंद्र नारायण के घर से सीसीटीवी फुटेज को निकाला जाना चाहिए और इस मामले में नारायण के स्टाफ से भी पूछताछ की जानी चाहिए।
एसआईटी और पोर्ट ब्लेयर के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने युवती का बयान दर्ज कर लिया है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस मामले में एक स्थानीय न्यूज़ चैनल के पत्रकार पर आरोप है कि उसने महिला की पहचान को उजागर किया। एक पुलिस इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उसने इस मामले की सूचना को लीक किया। इसे लेकर युवती की ओर से पुलिस में एक अलग एफआईआर दर्ज कराई गई है।
जितेंद्र नारायण का बयान
जितेंद्र नारायण ने कहा है कि उनके खिलाफ इस तरह के आरोप स्थानीय अफसरों के इशारे पर लगाए गए हैं और यह वे अफसर हैं जिनके खिलाफ उन्होंने मुख्य सचिव रहते हुए कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा है कि वह पुलिस को पूरा सहयोग करेंगे और किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।
यौन उत्पीड़न: संयुक्त सचिव गिरफ्तार
दिल्ली सचिवालय में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात एवी प्रेमनाथ को भी इस महीने की शुरुआत में यौन उत्पीड़न के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। एवी प्रेमनाथ के खिलाफ उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने का आरोप है। एवी प्रेमनाथ के खिलाफ बलात्कार की कोशिश, आईटी एक्ट के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया था।
अपनी राय बतायें