ऑक्सीजन की कमी न होने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें भले ही लाख दावे कर लें लेकिन आज भी देश के कई राज्यों में इस वजह से लोगों की मौत हो रही है। ताज़ा मामला आंध्र प्रदेश के तिरूपति से आया है, जहां पर सोमवार रात को ऑक्सीजन न मिलने के कारण 11 मरीजों की मौत हो गई। ये सभी मरीज कोरोना से संक्रमित थे। यह घटना तिरूपति के रूईया अस्पताल के आईसीयू में हुई।
आंध्र प्रदेश में बीते दो दिनों में ऐसी दूसरी घटना हुई है। रविवार को हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में 2 घंटे तक ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हुई थी और इस वजह से 7 लोगों की मौत हो गई थी हालांकि अफ़सरों ने इससे इनकार किया था।
चित्तूर जिले के डीएम एम. हरि नारायण ने कहा कि ऑक्सीजन के सिलेंडर को फिर से लगाने में 5 मिनट का वक्त लगा, इस दौरान ऑक्सीजन का दबाव कम हो गया और कई लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि हालात को संभालने के लिए 30 डॉक्टर्स को तुरंत आईसीयू में भेजा गया। जबकि मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 45 मिनट तक ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित रही।
एनडीटीवी के मुताबिक़, डीएम का कहना है कि इस अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी। लेकिन फिर सवाल यह उठता है कि इतना ख़राब प्रबंधन कैसे हो सकता है कि ऑक्सीजन की कमी न होने के बाद भी 11 लोगों की मौत इस वजह से हो जाए।
राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने डीएम से बात की है और इस पूरे मामले की बारीकी से जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
सरकारों की काहिली जिम्मेदार
कोरोना की दूसरी लहर से बेपरवाह और अनजान केंद्र व राज्य सरकारों की काहिली, लापरवाही की वजह से ही लोगों की जान जा रही है। देश के कई हिस्सों में लोग आज भी ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। लेकिन सरकारें दावा करती हैं कि सब कुछ सामान्य हो चुका है। ऑक्सीजन की कमी और इसके वितरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को फटकार लगा चुका है लेकिन इसका कोई असर होता हो, ऐसा नहीं दिखता।
हाई कोर्ट ने बताया था नरसंहार
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों को जोरदार फटकार लगाई थी और कहा थी कि इसकी आपूर्ति नहीं करना अपराध है और यह किसी भी तरह नरसंहार से कम नहीं है।
लखनऊ और मेरठ ज़िलों में ऑक्सीजन की कमी से कुछ लोगों की मौत होने से जुड़ी खबरों पर प्रतिक्रिया जताते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की थी और मामले में जांच का आदेश दिया था।
ऑक्सीजन की कमी के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट भी फटकार लगा चुका है। अदालत ने हाल में कहा था कि देश में ऑक्सीजन आवंटन की प्रक्रिया में पूरी तरह फेरबदल की ज़रूरत है। अदालत ने इसे लेकर नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया था।
अपनी राय बतायें