बसपा में शामिल होंगी
सूत्रों का कहना है कि उनका बहुजन समाज पार्टी में शामिल होना लगभग तय है। समझा जाता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए फुले का टिकट पक्का कर दिया है। बुधवार को देर शाम उनकी मायावती से बात भी हुई थी।बीजेपी से थीं नाराज़
फुले दलित समाज की हैं, वे पार्टी का दलित चेहरा मानी जाती थीं। पर इसके साथ ही वे अपने कई बयानों से विवाद में भी आ गई थीं। कई मौकों पर उनके बयान पार्टी लाइन से मेल नहीं खाते थे या उलट होते थे। इससे पार्टी की फ़जीहत होती थी। पिछले काफ़ी दिनों से वह बीजेपी से उखड़ी हुई थीं और पार्टी के कार्यक्रमोें में दिखाई नहीं दे रही थीं। वे बीते दिनों हनुमान पर बयान देकर एक बार फिर चर्चा में आ गई थीं। उन्होंने कहा था कि हनुमान मनुवादियों के ग़ुलाम थे। उन्होंनें यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के जवाब में कही थी. जिसमें उन्होंने हनुमान को दलित बताया था।'हनुमान को बंदर बना दिया'
फुले ने कहा, 'भगवान हनुमान दलित थे और मनुवादियों के ग़ुलाम थे। वे दलित थे और इंसान थे। उन्होंने भगवान राम के लिए सबकुछ किया फिर भी उनको पूँछ लगा दी गई। फिर उनका चेहरा क्यों काला कर दिया गया? उनको क्यों बंदर बना दिया गया?'पिछले हफ़्ते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया था। तब से ये विवाद गरम है। इस पर लगातार बयानबाज़ी हो रही है। योगी ने अलवर में कहा था कि बजरंग दल ऐसे भगवान है कि वो वनवासी है, गिरिवासी हैं, दलित हैं, वंचित है, वे पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक सब को जोड़ कर साथ लेकर चलते थे। सावित्री बाई फूले ने हनुमान को बंदर का स्वरूप देने पर तगड़ी आपत्ति जताई। उन्होने कहा, 'जब उन्होने भगवान राम की पूरे भक्तिभाव से सेवा की तो उन्हें इंसान बनाना था, न कि बंदर। उस वक़्त भी दलित होने की वजह से उन्हे प्रताड़ित किया गया। हम दलित आख़िर क्यों इंसान नहीं माने जा सकते?' उन्होने यह बात न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को फ़ोन पर दिये एक इंटरव्यू में कही है।सावित्रीबाई फुले ने बीजेपी पर बहुजन हितों की उपेक्षा करने, अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करने और चुनावी वायदे पूरे नहीं करने के आरोप लगाए हैं।
लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, 'मैं बहुत दुखी हूं। आज भारतीय जनता पार्टी के लोगो के मुँह से सुनने को मिलता है कि संविधान बदला जाएगा। हकीक़त तो यह है कि न तो संविधान लागू किया जा रहा है न ही आरक्षण लागू किया जा रहा है।' फुले ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी मांगें ठुकरा दीं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार बहुजन समाज के हित में काम नही कर रही है। बाबा साहब की प्रतिमा तोड़ी गई, लेकिन ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नही की गई।
फ़ायरब्रान्ड दलित नेता फुले ने नरेंद्र मोदी पर तंज करते हुए कहा कि 15 लाख रुपए हर किसी को देने का वायदा पूरा नहीं हुआ और संविधान बदलने की बात बार बार की जा रही है।
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