इस बार यानी आईपीएल 2021 में क्या होगा, इसके लिए सबकी निगाहें धोनी पर टिकी हुई हैं। अंत में क्या होगा, सीएसके कहाँ तक पहुँच पाएगी और किस स्थान पर रहेगी, यह तो समय बताएगा। लेकिन कई रिकॉर्ड धोनी का इंतजार कर रहे हैं। डालते हैं एक नज़र।
अगर दिल्ली की टीम ऋषभ पंत की अगुवाई में पहली बार ट्रॉफी जीतती है तो ‘विराट-कप्तानी’ युग के अंत की शुरुआत पंत के प्रभुत्व का असली अध्याय भी आईपीएल 2021 से हो सकता है।
2013 में अचानक रोहित को मुंबई की कप्तानी मिली और तब से लेकर अब तक उन्होंने दनादन 5 ट्रॉफी अपनी टीम को जीत कर दी है। आलम यह है कि आईपीएल के इतिहास में उनके पास जीत की हैट्रिक पूरा करने का मौका भी इस साल है।
तेज़ गेंदबाज़ों की यह तिकड़ी इत्तेफाक़ से भारत के तीन अलग-अलग राज्यों से आती है, लेकिन इनके संघर्ष और अब तक की कामयाबी की कहानी क़रीब क़रीब एक जैसी ही है। इन तीनों तेज़ गेंदबाज़ों की निजी कहानी किसी भी फ़िल्मी या नाटकीय पटकथा से कम नहीं है।
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ विराट कोहली ने टेस्ट सीरीज़ 3-1 से जीत ली और यह उम्दा उपलब्धि है क्योंकि शुरुआती टेस्ट मैच वह हार गये थे। इसके साथ ही कोहली अब तक भारत में एक भी टेस्ट सीरीज़ नहीं हारने के रिकॉर्ड को भी बरकरार रखने में कामयाब हुए हैं।
6 मार्च 1971 यानी आज से ठीक 50 साल पहले वेस्टइंडीज़ के दौरे पर गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला टेस्ट खेला। अगर 'पूत के पाँव पालने में नज़र आते हैं' वाली कहावत को टेस्ट इतिहास में सिर्फ एक बल्लेबाज़ ने अपनी पहली सीरीज़ के धमाल से सच साबित किया तो वो गावस्कर ही थे।
इशांत शर्मा के लिए अहमदाबाद में होने वाला तीसरा टेस्ट मैच निजी तौर पर काफ़ी यादगार पल है। अश्विन ने भी शानदार पारियाँ खेली हैं। लेकिन क्या इन दोनों खिलाड़ियों को वो सम्मान मिला जिसके वो हकदार हैं?
भारत के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान विराट कोहली को घरेलू सीरीज़ के पहले मैच में हारने की आदत तो और भी नहीं है क्योंकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट से पहले वो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पुणे टेस्ट (2017) में सीरीज़ का पहला टेस्ट हारे थे।
शुक्रवार यानी आज से चेन्नई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टीम इंडिया का घरेलू ज़मीं पर टेस्ट अभियान शुरू हो रहा है। लाल गेंद से 4 मैच और 20 दिन की क्रिकेट में टीम इंडिया के पास पाने के लिए बहुत कुछ नहीं है।
आधुनिक भारत क्या कर सकता है, इसकी एक बानगी ब्रिसबेन के गाबा मैदान में देखने को मिली जब भारतीय क्रिकेट टीम ने तीन विकेट से ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया। और इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसकी ही ज़मीन पर 2-1 से हरा दिया।
ऑस्ट्रेलिया में ड्रॉ ने भारतीय क्रिकेट को विदेशी ज़मीं पर लड़ना सिखाया। और कौन जानता है कि ब्रिसबेन में वह हो जाए जो आज तक किसी भारतीय टीम ने हासिल नहीं किया है। टेस्ट मैच में जीत।