बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बुधवार को वरिष्ठ पत्रकार बोरिया मजूमदार को रिद्धिमान साहा को डराने-धमकाने के लिए 2 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। भारत के इस अनुभवी विकेटकीपर ने आरोप लगाया था कि उन्हें एक पत्रकार ने इंटरव्यू नहीं देने के लिए धमकाया था। हालाँकि तब उन्होंने उस पत्रकार का नाम नहीं बताया था। जब लोगों ने उनसे आग्रह किया कि वह उनका नाम बताएँ तो साहा ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि उनकी वजह से किसी का करियर ख़राब हो। जब इस मामले में बड़े-बड़े क्रिकेटरों ने सवाल उठाए तो बीसीसीआई ने कहा था कि वह मामले की जाँच कर कार्रवाई करेगा।
रिद्धिमान साहा ने इस साल मार्च में मामले की जाँच कर रही बीसीसीआई समिति के सामने सभी विवरणों का खुलासा किया। उनके आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति ने नई दिल्ली में साहा से मुलाकात की थी। साहा ने नई दिल्ली में समिति के समक्ष पेश होने के बाद संवाददाताओं से कहा था, 'मैंने समिति को वह सब कुछ बता दिया है जो मैं जानता हूं। मैंने उनके साथ सभी विवरण साझा किए हैं।'
साहा ने 19 फ़रवरी को इस मामले में पहली बार ट्वीट किया था। साहा ने उन संदेशों के स्क्रीनशॉट को ट्वीट किया और लिखा था, 'भारतीय क्रिकेट में मेरे सभी योगदान के बाद... एक तथाकथित 'आदरणीय' पत्रकार से मुझे यही सामना करना पड़ा है! पत्रकारिता इस हद तक चली गई है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीसीसीआई समिति ने साहा और मजूमदार दोनों के सबमिशन पर विचार किया और निष्कर्ष निकाला कि मजूमदार की कार्रवाई वास्तव में प्रकृति में डराने वाली और धमकी भरी थी।
क्या लगाया गया प्रतिबंध?
इस मामले की पड़ताल के बाद पत्रकार बोरिया मजूमदार पर बीसीसीआई ने फ़ैसला लिया। उनको भारत में किसी भी क्रिकेट मैच (घरेलू और अंतरराष्ट्रीय) में प्रेस के सदस्य के रूप में मान्यता प्राप्त करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसने यह भी कहा कि मजूमदार को भारत में किसी भी पंजीकृत खिलाड़ी के साक्षात्कार से 2 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्हें किसी भी बीसीसीआई या सदस्य संघों के स्वामित्व वाली क्रिकेट सुविधाओं तक पहुंचने से 2 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
बता दें कि रिद्धिमान साहा द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट में उनको मार्च में श्रीलंका के ख़िलाफ़ आगामी 2 मैचों की श्रृंखला के लिए टेस्ट टीम से बाहर किए जाने पर उनसे बात नहीं करने के लिए धमकी देने वाले संदेश थे।
ये संदेश एकतरफ़ा थे। यानी साहा को ये संदेश भेजे तो गए थे, लेकिन साहा ने उस पर प्रतिक्रिया में कुछ संदेश नहीं भेजा। उस संदेश में पत्रकार को साहा से यह कहते हुए पढ़ा गया था कि विकेटकीपर द्वारा उनकी कॉल का जवाब नहीं देने से वह आहत हैं और वह अपमान बर्दाश्त नहीं करते हैं।
पत्रकार ने साक्षात्कार के अनुरोध में लिखा, 'जो भी सबसे अधिक मदद कर सकता है उसे चुनें'। स्क्रीनशॉट के एक और संदेश में लिखा था, 'आपने कॉल नहीं किया। मैं फिर कभी आपका साक्षात्कार नहीं करूंगा। मैं अपमान को सहजता से नहीं लेता। और मुझे यह याद रहेगा।'
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