loader

मायावती पर बेहूदा जोक के लिए रणदीप हुड्डा को गिरफ़्तार करने की मांग

सिने कलाकार रणदीप हुड्डा अपने एक पुराने वीडियो के कारण मुसीबत में घिर गए हैं। इस वीडियो में वे उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर एक बेहूदा जोक सुना रहे हैं लेकिन इसका वीडियो अब वायरल हुआ है। रणदीप को ट्विटर पर लोगों ने घेर लिया है और जमकर खरी-खोटी सुनाई है। रणदीप हुड्डा हरियाणा से आते हैं और कुछ फ़िल्मों में अपने बेहतर अभिनय के लिए तारीफ़ बटोर चुके हैं। 

#ArrestRandeephooda ट्रेंड कराया

रणदीप किसी चैट शो में बैठे थे और वहीं उन्होंने मायावती पर यह बेहूदा जोक सुनाया। रणदीप ने यह जोक अंग्रेजी में बोला है लेकिन यह इतना बेहूदा है कि उसका हिंदी अनुवाद तक यहां नहीं लिखा जा सकता। इस जोक के वायरल होने के बाद यूजर्स ने ट्विटर पर #ArrestRandeephooda ट्रेंड कराया और यह कई घंटों तक ट्रेंड करता रहा। 

ताज़ा ख़बरें

कई यूजर्स ने इस वीडियो को लेकर लिखा कि हमारा समाज आज भी कितना जातिवादी और सेक्सिस्ट है और विशेषकर दलित महिलाओं के प्रति। 

सीपीआई (एमएल) की नेता और सामाजिक कार्यकर्ता कविता कृष्णन ने इस वीडियो को लेकर कहा है कि यह कोई जोक नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी शख़्स किसी पुरूष राजनेता पर भद्दे जोक नहीं बनाता। कविता कृष्णन ने कहा कि रणदीप तुम्हारा यह जोक जातिवादी और महिला विरोधी है। 

कई लोगों ने रणदीप से कहा कि वे अपने इस जोक के लिए तुरंत माफी मांगें। लोगों ने उनसे पूछा कि रणदीप क्या तुम्हारी एक राज्य की 4 बार मुख्यमंत्री रही महिला के लिए ऐसी मानसिकता है। 

कुल मिलाकर रणदीप बुरी तरह घिर गए और लोगों ने उन्हें तुरंत गिरफ़्तार करने की मांग की है। 

मायावती कई बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहने के साथ ही बीएसपी की प्रमुख भी हैं। वह दलित और शोषित समाज की आवाज़ के रूप में पहचानी जाती हैं और यह वर्ग उन्हें अपने समाज के स्वाभिमान के रूप में देखता है। 

सोशल मीडिया से और ख़बरें

दलितों से नफ़रत की सैकड़ों घटनाएं 

जातिवाद की एक निकृष्ट घटना कुछ दिनों पहले गुजरात में देखने को मिली, जहां पर दलित समाज के एक युवक को सिर्फ़ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने मूंछ रखी थी। अहमदाबाद के विक्रमगंज तालुका में रहने वाले 22 साल के सुरेश वाघेला पर 11 लोगों ने हमला कर दिया। वाघेला ने कहा कि ओबीसी समुदाय के लोगों ने धारदार हथियारों से हमला कर उसे घायल कर दिया था। 

मध्य प्रदेश के गुना ज़िले में इस साल मार्च में दंबगों द्वारा श्मशान घाट का रास्ता रोक देने के कारण एक दलित महिला का अंतिम संस्कार 24 घंटे तक रुका रहा। पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दाह संस्कार हो पाया। ऐसी घटनाएं आए दिन सुनने-देखने को मिलती हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

सोशल मीडिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें