फ़ेसबुक डाटा सुरक्षा में सेंधमारी की बार-बार आती रही रिपोर्टों के बीच अब 53 करोड़ फ़ेसबुक यूज़रों की गुप्त जानकारी ऑनलाइन पाई गई है। जिनकी जानकारियाँ लीक हुई हैं वे 100 से अधिक देशों के यूजरों की हैं।
गाज़ियाबाद के जिस मंदिर में पानी पीने के लिए 14 साल के मुसलिम बच्चे की बेरहमी से पिटाई करने की ख़बर आई थी उस मंदिर के बोर्ड को लेकर अब सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान कि वह बोर्ड नहीं हटाया जाएगा।
तीरथ सिंह रावत को बीजेपी आलाकमान ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया तो इसलिए कि वे राज्य में कुछ बेहतर काम करेंगे लेकिन रावत ने कुर्सी पर बैठते ही विवादित बयानों की बौछार लगा दी है।
पर्यावरण के मुद्दों पर काम करने वाली 21 साल की कार्यकर्ता दिशा रवि को इस बात का अंदाजा नहीं रहा होगा कि एक टूलकिट बनाने से उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा।
बीजेपी सरकार के दबाव में आने के आरोपों का सामना कर रहे ट्विटर अब हरियाणा के मंत्री अनिल विज को लेकर चर्चा में है। ऐसा इसलिए कि ट्विटर ने पहले अनिल विज के एक 'आपत्तिजनक' ट्वीट को हटा दिया था, लेकिन बाद में फिर से बहाल कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'आंदोलनजीवी' वाला जो बयान दिया है उस पर सोशल मीडिया पर ज़बर्दस्त प्रतिक्रिया आई है। किसी ने प्रधानमंत्री मोदी को आंदोलनों में उनके शामिल होने की तसवीरें ट्वीट की हैं तो किसी ने भगत सिंह से लेकर महात्मा गाँधी तक की याद दिलाई है।
ट्विटर ने अक्सर विवादों में रहने वाली कंगना रनौत के कई 'विवादित' ट्वीट को हटा दिया है। ट्विटर ने कहा है कि कंगना के वे ट्वीट इसके प्लेटफ़ॉर्म के हेट स्पीच के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे।
वाट्सऐप की नई प्रिवेसी पॉलिसी और शर्तों के अपडेट से क्या आपके डेटा की सुरक्षा ख़तरे में है? इसको लेकर आरोप कितने गंभीर हैं इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कंपनी ने अख़बारों में फुल पेज का विज्ञापन जारी किया है।
अमेरिका के फ़ेडरल ट्रेड कमिशन यानी एफ़टीसी और अमेरिका के 48 राज्यों ने फ़ेसबुक पर अपने प्रतिद्वंद्वियों को ख़त्म करने के गंभीर आरोप लगे हैं और केस दर्ज कराया गया है।
कंगना रनौत फिर विवादों में हैं। पंजाबी सेलिब्रिटी दिलजीत सांझ और कंगना भिड़ गए। कंगना ने तो उनको 'पालतू' तक कह डाला। दिलजीत सांझ ने भी कह दिया कि 'आकर हमारी माँओं से बात तो कर सारी हिरोइन गिरी निकाल देंगी'।
कंगना रनौत ने हाल ही किसानों के प्रदर्शन से संबंधित कुछ ऐसा ट्वीट किया कि उस ट्वीट को हटा लेने के बाद भी उनको ट्विटर यूज़र निशाने पर ले रहे हैं। कोई उन्हें किसान विरोधी और घमंडी कह रहा है तो कोई उनका बहिष्कार करने का ट्वीट कर रहा है।