नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के बाद घबराई बीजेपी ने इसके पक्ष में समर्थन जुटाने की कई कोशिश की हैं। पार्टी की सभी राज्य इकाईयाँ अपने-अपने राज्यों में इस क़ानून के समर्थन में रैलियां निकाल रही हैं। पार्टी ने अपने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों को इस क़ानून के पक्ष में माहौल बनाने के लिए घर-घर जाने के लिए भी कहा है। पार्टी की ओर से पूरे देश भर में प्रेस कॉन्फ़्रेंस की जा रही हैं। इतना सब करने के बाद पार्टी को लगा होगा कि शायद कुछ कमी रह गई है तो उसने एक इस क़ानून के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए एक नंबर भी जारी कर दिया। शायद यह सब इसीलिए किया गया क्योंकि पार्टी को और केंद्र सरकार को यह उम्मीद नहीं थी कि इस क़ानून के ख़िलाफ़ भारत ही नहीं दुनिया भर में कई जगहों पर लोग आवाज़ उठाएंगे।
लेकिन इस नंबर को जारी करते ही बीजेपी की ख़ासी किरकिरी भी हो रही है और लोग मजाक भी उड़ा रहे हैं। क्योंकि पार्टी ने जो नंबर 8866288662 जारी किया था, उस पर अब लोग फ़्री इंटरनेट डाटा देने के साथ ही, अकेले होने पर बातें करने और तमाम तरह के ऑफ़र दे रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस नंबर को लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं और एक तरह से कह सकते हैं कि इस नंबर का तमाशा सा बन गया है।
3 जनवरी को देश के गृह मंत्री और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने अपने ट्विटर और फ़ेसबुक अकाउंट पर इस नंबर को जारी करते हुए इस क़ानून के पक्ष में समर्थन माँगा। शाह ने लिखा, ‘मैं सभी देशवासियों से अपील करता हूँ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यकों को न्याय व अधिकार देने वाले CAA पर अपना समर्थन देने के लिए 8866288662 पर मिस्ड कॉल दें।’
सृष्टि शर्मा ने ट्वीट किया कि इस नंबर को सेव कर लें और उनसे बात करें। जबकि विनिता हिंदुस्तानी नाम के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया कि यह उनका नंबर है, वह फ़्री हैं और कॉल का इंतजार कर रही हैं। इन दोनों के ही स्क्रीनशॉट ख़ूब वायरल हो रहे हैं।
आंचल नाम के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया कि अकेले हो, मुझसे दोस्ती करोगे।
इसी तरह पवन दुर्रानी नाम के शख़्स के ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि जो लोग चाहते हैं कि विराट कोहली को साल का सबसे बेहतर क्रिकेटर नॉमिनेट किया जाए, वे इस नंबर पर मिस्ड कॉल दें।
सुशांत कुमार राय और हार्दिक भवसार नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा है कि यह उनकी पूर्व प्रेमिका का नंबर है और लोग इस पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं।
ट्वीट चोर नाम के ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया कि इस नंबर पर कॉल करो, क्विज़ खेलो और 10 लाख तक का इनाम जीतो।
नेटफ़्लिक्स की ओर से 6 महीने का सबक्रिप्शन मुफ़्त मिलने के ट्वीट को कई लोगों ने कॉपी-पेस्ट कर लिया और धड़ाधड़ ट्वीट कर दिया। इससे थोड़ी ही देर में ऐसे ट्वीट की बाढ़ आ गई और नेटफ़्लिक्स को ख़ुद ही आकर कहना पड़ा कि यह पूरी तरह झूठ है और ऐसा कुछ भी नहीं है।
कई लोगों ने नौकरी के लिए संपर्क करने के लिए इस नंबर को दे दिया तो कुछ लोगों ने कहा कि मोदी जी 15 लाख बाँट रहे हैं, उन्हें मिल गए हैं, अगर आपको चाहिए तो आप इस नंबर पर मिस्ड कॉल करें। लेखक और निर्देशक अविनाश दास ने कुछ ऐसे ही ट्वीट के स्क्रीनशॉट को पोस्ट किया है।
इस तरह मिलेगा समर्थन?
ऐसे मुद्दे पर जिसे लेकर देश के कई हिस्सों में लोग सड़कों पर हों, आंदोलित हों, पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे हों और जोर-जोर से बोलकर बता रहे हों कि वे इस क़ानून के पूरी तरह ख़िलाफ़ हैं, ऐसे में एक नंबर पर मिस्ड कॉल से इस क़ानून के लिए समर्थन जुटाने को कोरी कवायद ही माना जाएगा। क्योंकि ट्विटर पर जिस तरह से इस नंबर के लिए समर्थन जुटाया जा रहा है, वह तो कहीं से भी नहीं बताता कि कोई इसके समर्थन में है। क्योंकि समर्थन करने वाले इस तरह के झूठे ऑफ़र और बातों से ट्वीट कभी नहीं करते। इसलिए कुछ लोगों ने इसके विरोध में एक नंबर जारी किया और कहा कि इस क़ानून का विरोध करने वाले लोग इस नंबर पर मिस्ड कॉल दें।
बीजेपी अगर उसकी ओर से जारी किए गए इस नंबर पर आई हुई मिस्ड कॉल को यह कहकर प्रचारित करेगी कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने इस क़ानून का समर्थन किया है तो थोड़ी सी भी अकल-बुद्धि रखने वाला व्यक्ति इसे क़तई स्वीकार नहीं करेगा।
कुल मिलाकर बात यहां तक पहुंच चुकी है कि इस क़ानून के समर्थन में भी लोग हैं, यह दिखाने के लिए इस तरह के हथकंडों का सहारा लेना पड़ रहा है और यह निश्चित रूप से दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ऐसे में देश की संसद से पास और राष्ट्रपति के द्वारा हस्ताक्षर किये गए क़ानून की क्या संवैधानिक मान्यता रह जाएगी क्योंकि जब इस तरीक़े से समर्थन जुटाना और दिखाना पड़ेगा तो यह साफ़ समझ आएगा कि क़ानून का समर्थन कम है और विरोध ज़्यादा। और लोग यही कहेंगे कि विरोध को कम दिखाने के लिए ऐसे सस्ते तरीक़ों से समर्थन जुटाया जा रहा है।
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