विवेकानंद ऋषि, विचारक, सन्त और दार्शनिक थे, जिन्होंने आधुनिक इतिहास की समाजशास्त्रीय व्याख्या की थी। 'गर्व से कहो, हम हिन्दू हैं' का नारा देने वाले विवेकानंद की जयंती पर पढ़ें यह लेख।
लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक घरों में कैद होने की वजह से डिप्रेशन कई गुना बढ़ रहा है और इन हालात में स्वयं को सामान्य बनाये रख पाना निश्चित ही किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।
चीन दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में उभरा है। उसकी आर्थिक नीतियाँ आक्रामक हैं। वह पूरी दुनिया भर में अपना जाल बिछा रहा है।लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश उसके पीछे पड़ चुके हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 सितम्बर, 1923 को जन्मे हबीब तनवीर, रंगमंच में अपने आगाज से लेकर अंत तक उन सांस्कृतिक मूल्यों-रंगों को बचाने में लगे रहे जिनसे हमारे मुल्क की मुकम्मल तसवीर बनती है।
आज विश्व पर्यावरण दिवस है और इस बार का विषय 'प्रकृति के लिए समय' है। ऐसे में कोरोना और लॉकडाउन के संकेत हमें समझने होंगे। कोरोना के संकेत: पृथ्वी बचा सकते हो तो बचा लो, नहीं तो...
कोरोना महामारी और इससे एक लाख से ज़्यादा मौत के कारण पहले से ही जूझ रहे अमेरिका के सामने एक नयी मुश्किल आन पड़ी है। अब वहाँ नस्लीय भेदभाव से मौत के बाद विद्रोह की वजह से संकट और गहरा गया है।
दुनिया कोरोना वायरस के भयानक संक्रमण से जूझ रही है, करोड़ों लोग अपने काम-काज छोड़ अपने घरों में बैठे हैं और लाखों परिवार को भूखा सोने की नौबत आ गई है। ऐसे में ईद का ख़ुशियाँ तभी आएँगी जब लोगों को भूखे पेट न सोने दें।
यह तसवीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। अमृत इतना बीमार थे कि मुश्किल से ही साँस भी ले पा रहे थे। सड़क किनारे वह सैयुब की गोद में लेटे हैं और सैयुब पैदल जा रहे लोगों से सहायता की गुहार लगाते हैं।