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फोटो साभार: ट्विटर/सचिन पायलट

पायलट का कांग्रेस को झटका! मंत्री के ख़िलाफ़ धरना देने वालों से मिले

सचिन पायलट ने राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को फिर से झटका दिया है! एक व्यक्ति की आत्महत्या के बाद उसके परिजनों ने राजस्थान सरकार के मंत्री के ख़िलाफ़ धरना दिया। कहा जा रहा है कि उस व्यक्ति ने हाल ही में कैबिनेट मंत्री महेश जोशी पर आरोप लगाते हुए कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। सचिन पायलट धरना स्थल पर ही उस मृतक के परिजनों से जाकर मिले। पायलट ने गुरुवार को उस विरोध स्थल का दौरा किया, जहां बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा उस परिवार के साथ धरने पर बैठे हैं। 

पायलट का यह क़दम तब सामने आया है जब उनकी अशोक गहलोत से खींचतान चल रही है और कहा जा रहा है कि पायलट ने एक तरह से अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल रखा है। अभी कर्नाटक चुनाव के लिए जारी स्टार कैंपेनरों की सूची में पायलट का नाम नहीं था। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के राजस्थान में एक कार्यक्रम में पायलट शामिल नहीं हुए थे और हाल ही में उन्होंने वसुंधरा सरकार में कथित भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ अनशन पर बैठे थे। इससे पहले उन्होंने अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ बगावत भी की थी।

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बहरहाल, पायलट ने मृतक रामप्रसाद के पिता, भाई और बेटे सहित अन्य लोगों से मुलाकात की। परिवार से मिलकर पायलट ने कहा, 'परिवार एक आदिवासी समुदाय से आता है। यह हम सभी के लिए चौंकाने वाला है।' उन्होंने मांग की कि 'निष्पक्ष और समयबद्ध जांच होनी चाहिए। जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें संज्ञान में लेकर गहन जांच की जाए। पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए।'

रामप्रसाद द्वारा डाले गए एक वीडियो का हवाला देते हुए पायलट ने कहा कि बहुत सारे 'बयान, वीडियो बयान' हैं और परिवार को न्याय दिलाने के लिए इन सभी की जाँच की जानी चाहिए। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पायलट ने मांग की, 'सभी आरोपियों की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।' बता दें कि आरोप कांग्रेस सरकार के मंत्री पर भी लग रहे हैं।

रामप्रसाद मीणा ने कथित भूमि विवाद को लेकर सोमवार को फाँसी लगा ली थी। अपनी मृत्यु से पहले रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में उन्होंने महेश जोशी और अन्य पर भूमि विवाद के संबंध में उनके परिवार के लिए समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया था और उन्हें आत्महत्या जैसे क़दम उठाने के लिए दोषी ठहराया था। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार अपनी ओर से जोशी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जब 13 अप्रैल को वे उनसे मिलने आए तो उन्होंने परिवार के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया। गुरुवार को ही पायलट के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने भी परिजनों से मुलाकात की थी।
पायलट हाल में राजस्थान कांग्रेस में सुर्खियों में रहे हैं। पायलट ने कुछ दिन पहले ही वसुंधरा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ अनशन किया था।

तब पायलट ने कहा था कि लोगों को भरोसा देना जरूरी है कि कांग्रेस सरकार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले किए गए अपने बयानों और वादों पर काम कर रही है।

अपनी ही सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार आबकारी माफिया, अवैध खनन, जमीन पर कब्जा और ललित मोदी शपथ पत्र मामले में कार्रवाई करने में विफल रही है। पायलट ने वसुंधरा राजे पर करप्शन और कुशासन का आरोप लगाते हुए गहलोत के पुराने वीडियो चलाए और पूछा था कि उन्होंने इन मामलों की कोई जांच शुरू क्यों नहीं की।

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इसके बाद राजस्थान कांग्रेस का एक अहम कार्यक्रम चल रहा था तो उसमें सचिन पायलट शामिल नहीं हुए थे और उनका अलग से अकेला कार्यक्रम चल रहा था। पायलट सोमवार को जयपुर के बाहरी इलाक़े में एक सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम में थे। जबकि, अशोक गहलोत, पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी गोविंद सिंह डोटासरा विधायकों के साथ वन-टू-वन बैठक कर रहे थे। राज्य में कांग्रेस ने चुनाव से पहले एक-एक विधायकों के साथ बैठक कर राय जानने की मुहिम शुरू की है। राज्य में पार्टी की कमान संभालने वाले प्रमुख नेता इसकी तैयारी में लगे हैं। तो सवाल है कि सचिन पायलट क्या कर रहे हैं?

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क़मर वहीद नक़वी
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