प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजेश पायलट को लेकर जो बातें कहीं उसे उनके बेटे सचिन पायलट ने ही एक तरह से झूठ क़रार दे दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस का एक परिवार राजेश पायलट को सजा देने के बाद सचिन पायलट को भी सजा देने पर तुला हुआ है। सचिन पायलट ने पीएम मोदी के इस बयान को तथ्यों से बहुत दूर बताया है।
सचिन पायलट ने पीटीआई ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का बयान सुना, जो तथ्यों से बहुत दूर है। हकीकत ये है कि स्वर्गीय पायलट साहब इंदिरा गांधी जी से प्रेरित होकर जन सेवा के लिए कांग्रेस में आए थे। उन्होंने लंबे समय तक जनता की सेवा की और आजीवन सांप्रदायिक ताक़तों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।' सचिन ने इस बयान से यह संकेत दिया कि उनके पिता बीजेपी के ख़िलाफ़ हमेशा लड़ते रहे।
इसके बाद पायलट ने यह भी कहा, 'जहाँ तक मेरी बात है, तो मुझे लगता है कि पीएम मोदी को मेरे वर्तमान और भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए। इसकी चिंता मेरी पार्टी और जनता करेगी। सोनिया गांधी जी, राहुल जी और प्रियंका जी के साथ हमारा बहुत पुराना रिश्ता है। यह रिश्ता दिल का है। इसमें किसी और को बयान देने की कोई ज़रूरत नहीं है। हम सभी साथ मिलकर पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।'
पायलट ने आगे कहा, 'सच्चाई ये है कि बीजेपी के पास देश के लिए कोई रोडमैप नहीं है, कोई योजना नहीं है। इसलिए पीएम मोदी ज़रूरी मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे तथ्यहीन बयान दे रहे हैं।'
समझा जाता है कि पीएम का इशारा उस घटना की ओर था जब दिवंगत राजेश पायलट ने 1997 में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सीताराम केसरी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ा और कहा जाता है कि इसके बाद पार्टी आलाकमान के वह उतने क़रीबी नहीं रहे थे।
गहलोत ने कहा, 'पीएम मोदी अपनी हार से इतना बौखला चुके हैं कि उन्होंने स्वर्गीय श्री राजेश पायलट जी को चुनाव का मुद्दा बना दिया। वे गुर्जर समुदाय को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी के राज में ही फ़ायरिंग की 22 घटनाएं हुईं, जिसमें गुर्जर समाज के कई लोग मारे गए थे।' सीएम ने आगे कहा कि बीजेपी की सरकार तक चली गई और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो उन्हें भाईचारे और प्यार से समझाया, उन्हें आरक्षण दिया। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा कि आज ये गुर्जर समाज के बारे में किस मुँह से बात करते हैं?
इस मामले में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बुधवार को ही जवाब दे दिया था कि प्रधानमंत्री को झूठ परोसने की बजाय उस गुर्जर समुदाय से माफ़ी मांगनी चाहिए थी जिसके 72 नौजवान गुर्जर आंदोलन में भाजपा के राज में मारे गए थे।
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