राजस्थान के बाग़ी कांग्रेस नेता सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमों के बीच सियासी अदावत बरकरार है। पायलट खेमे की ओर से शुक्रवार को आरोप लगाया गया है कि अशोक गहलोत अपने ही समर्थक विधायकों के फ़ोन टैप करवा रहे हैं। लेकिन राजस्थान पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है।
दूसरी ओर, गहलोत लगातार बीजेपी पर कांग्रेस विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त करने का आरोप लगा रहे हैं और इसी आशंका के चलते कुछ दिन पहले उन्होंने अपने विधायकों को जयपुर से जैसलमेर शिफ्ट कर दिया था।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, पायलट गुट के एक सहयोगी ने शुक्रवार को बयान जारी कर इस बात का दावा किया कि गहलोत सरकार द्वारा जैसलमेर में रखे गए विधायकों में से छह के फ़ोन असंवैधानिक ढंग से टैप किए जा रहे हैं।
पायलट गुट की ओर से इस बारे में एक डॉक्यूमेंट भी जारी किया गया है। दावा किया गया है कि अजायब इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर से सूर्यगढ़ रिजॉर्ट में चार जैमर भी लगाए गए हैं और इस रिजॉर्ट में केवल एक ही जगह ऐसी है, जहां से कॉल की जा सकती है। पायलट गुट की ओर से कहा गया है कि रिजॉर्ट के इंटरकॉम से की जा रही कॉल्स को रिकॉर्ड किया जा रहा है। गहलोत गुट के विधायक सूर्यगढ़ रिजॉर्ट में ही ठहरे हुए हैं।
हालांकि अजायब इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक एसडी सोनी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि उन्हें इन जैमर के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
राजस्थान पुलिस की ओर से पायलट गुट के आरोपों को लेकर कहा गया है कि फ़ोन टैपिंग और इंटरकॉम बातचीत को रिकॉर्ड किए जाने के आरोप पूरी तरह झूठे और भ्रामक हैं।
पायलट गुट की ओर से यह आरोप ऐसे वक्त में लगाया गया है, जब विधानसभा सत्र शुरू होने की तारीख़ नज़दीक आ रही है और इसे लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है।
पायलट के पास ज़्यादा विधायक?
इसके साथ ही अशोक गहलोत गुट के एक विधायक ने दावा है कि पायलट के पास 19 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन हो सकता था। विधायक प्रशांत बैरवा ने दावा किया कि पायलट के पास बड़ी टीम है और उन्हें इसका अंदाजा नहीं है। बैरवा ने कहा, ‘यह अच्छा होता कि पायलट हम जैसे लोगों से सलाह-मशविरा करते और मुझे लगता है कि उनके समर्थक विधायकों की संख्या 40 से 45 हो सकती थी।’
बैरवा ने कहा कि यहां (गहलोत खेमे) में भी पायलट के शुभचिंतक हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम लोग कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं करेंगे। उन्होंने फ़्लोर टेस्ट की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम लोग 100 फ़ीसद कांग्रेस के पक्ष में वोट करेंगे।
‘गहलोत की तानाशाही के ख़िलाफ़ लड़ाई’
हाल ही में पायलट गुट के विधायकों की ओर से कहा गया था कि उनकी लड़ाई आत्मसम्मान की है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तानाशाही रवैये के ख़िलाफ़ है। छह बार के विधायक हेमाराम चौधरी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा था कि वे (बाग़ी विधायक) कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और पार्टी के ख़िलाफ़ नहीं है लेकिन वे गहलोत के नेतृत्व में काम नहीं कर सकते।
एक और विधायक इंद्राज सिंह ने पीटीआई से बातचीत में कहा था कि यह लड़ाई आत्मसम्मान की है और हम इससे समझौता नहीं करेंगे।
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