राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा निकम्मा, धोखेबाज बताए जाने पर पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पलटवार किया है। पायलट ने कहा है कि वह इन निराधार आरोपों से दुखी ज़रूर हैं लेकिन हैरान नहीं।
पायलट ने कहा, ‘इस तरह के संगीन आरोप सिर्फ़ मेरी छवि को ख़राब करने के लिए और विधायक के रूप में मेरे द्वारा राज्य के पार्टी नेतृत्व के ख़िलाफ़ उठाए गए सही सवालों को दबाने के लिए लगाए गए हैं।’ पायलट ने कहा कि ऐसे आरोप लगाना उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि पर हमला करने का एक और प्रयास है।
राजस्थान से कांग्रेस के विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने भी आरोप लगाया था कि उन्हें पायलट ने अपने घर पर पैसे ऑफ़र किए थे। उन्होंने कहा था कि राज्यसभा चुनाव से पहले उन्हें पैसे ऑफ़र किए गए थे।
पायलट ने मलिंगा के आरोपों पर कहा, ‘इस तरह की बातें मूल मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए कही जा रही हैं। मैं ऐसे विधायक के ख़िलाफ़ कड़ी क़ानूनी कार्रवाई करूंगा। मुझे लगता है कि मेरे ख़िलाफ़ ऐसे ही और मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएंगे।’
गहलोत ने सोमवार को जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘सात साल के अंदर राजस्थान एक ऐसा अकेला राज्य था, जहां पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की बात नहीं की गई, न सीनियर ने और न किसी जूनियर ने। हम जानते थे कि निकम्मा है, नाकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है, खाली लोगों को लड़वा रहा है। मैं यहां बैगन बेचने नहीं आया हूं, मैं यहां सब्जी बेचने नहीं आया हूं। मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया है।’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘फिर भी राजस्थान में हमारा कल्चर ऐसा है, हम नहीं चाहते थे कि दिल्ली में ऐसा लगे कि राजस्थान में आपस में लड़ाई हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को कैसा सम्मान देना चाहिए, वो मैंने लोगों को सिखाया है। पूरा सम्मान दिया लेकिन वो व्यक्ति कांग्रेस की पीठ में छुरा भौंकने के लिए तैयार हो जाए...।’
गहलोत ने कहा, ‘जो यह खेल अभी हुआ है, यह 10 मार्च को होता क्योंकि 19 मार्च को राज्यसभा चुनाव थे। लेकिन तब मैंने उस षड्यंत्र को एक्सपोज कर दिया।’
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