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‘अभिमन्यु की तरह घिर गए हैं पायलट, भेदना जानते हैं चक्रव्यूह’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा यह कहे जाने पर कि सचिन पायलट ने गद्दारी की है और उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता, इस पर सचिन पायलट खेमे की प्रतिक्रिया आई है। गहलोत सरकार में मंत्री और पायलट के समर्थक राजेंद्र गुढ़ा ने एनडीटीवी से कहा है कि सचिन पायलट को अभिमन्यु की तरह घेर लिया गया है और अभिमन्यु की ही तरह वह चक्रव्यूह को भेदना जानते हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में सचिन पायलट पर जोरदार हमला किया है और कहा है कि सचिन पायलट के द्वारा साल 2020 में की गई बगावत की वजह से ही कांग्रेस विधायकों को 34 दिन तक होटलों में रुकना पड़ा था। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि पायलट की कोशिश सरकार गिराने की थी और इस काम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल थे। 

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'मंत्री क्यों बनाया' 

अशोक गहलोत के द्वारा एनडीटीवी के साथ बातचीत में पायलट समर्थक बागी विधायकों द्वारा 2020 में हुई बगावत के दौरान 10 करोड़ रुपए लिए जाने के आरोप के बारे में जब सवाल पूछा गया तो गुढ़ा ने कहा, अशोक गहलोत सोनिया गांधी की बात भी नहीं सुनते। अगर सचिन पायलट के समर्थक विधायकों ने 10 करोड़ रुपए लिए थे तो गहलोत ने उन्हें मंत्री क्यों बनाया। गुढ़ा को भी 2020 में हुई बगावत के बाद गहलोत सरकार में मंत्री बनाया गया था। 

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राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि जो लोग अब सचिन पायलट को गद्दार कह रहे हैं, उन्हें पहले स्टैंड लेना चाहिए था। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस हाईकमान को इस तरह की टिप्पणियों को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए। 

राजेंद्र गुढ़ा ने सितंबर में कहा था कि सचिन पायलट ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे और राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद के लिए सचिन पायलट से बेहतर दूसरा कोई नेता नहीं है। उसी दौरान आध्यात्मिक गुरु और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सचिन पायलट का पक्ष लेते हुए न्यूज़ चैनल News24 के साथ बातचीत में कहा था कि सचिन पायलट को इंसाफ मिलना चाहिए।

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इससे पहले गहलोत ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में कहा था, “पायलट के पास 10 विधायक भी नहीं हैं, उन्होंने पार्टी के साथ गद्दारी की, ऐसे शख्स को कैसे स्वीकार किया जा सकता है। 2020 में जो बगावत हुई थी वह पूरा खेल सचिन पायलट का ही था।”

एनडीटीवी के इस सवाल के जवाब में कि अगर कांग्रेस हाईकमान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहे तो, गहलोत ने कहा कि पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना सकते। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता। 

पायलट गुट को झटका 

गहलोत ने इतना बड़ा बयान ऐसे वक्त में दिया है जब कुछ ही दिनों के बाद भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में पहुंचने वाली है। बीते कुछ दिनों में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उनका खेमा फिर से सक्रिय हुआ है और राज्य सरकार के मंत्री हेमाराम चौधरी, राजेंद्र गुढ़ा के साथ ही राज्य कृषि उद्योग बोर्ड की उपाध्यक्ष सुचित्रा आर्य ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की खुलकर मांग की है। सोशल मीडिया पर भी पायलट समर्थक सक्रिय हो गए हैं। लेकिन गहलोत ने पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया है। 

राजस्थान में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। अगर गहलोत के इस बयान को लेकर गहलोत और पायलट खेमों में आपसी बयानबाजी शुरू हो गई तो राजस्थान में कांग्रेस को सियासी नुकसान हो सकता है। 

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सचिन पायलट के समर्थक लंबे वक्त से मांग करते रहे हैं कि राज्य की कमान उनके नेता के हाथ में दी जाए।

मौका चूक गए थे पायलट 

याद दिलाना होगा कि 2018 में जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में आई थी तब पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी जबकि पायलट उप मुख्यमंत्री बने थे। पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री जैसे बड़े पद पर भी थे लेकिन बगावत के बाद उन्हें दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा था।

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क़मर वहीद नक़वी
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