राजस्थान बीजेपी ने राज्य में निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा को रद्द करने के मुद्दे पर यू-टर्न ले लिया है। गुरुवार को राजस्थान बीजेपी के प्रभारी और राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने न्यूज़ 24 के साथ बातचीत में कहा था कि जन आक्रोश यात्रा के तहत जो बची हुई यात्राएं थी उन्हें कोरोना के प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए रद्द कर दिया गया है।
अरुण सिंह ने कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी कोरोना के प्रोटोकॉल को और लोगों के जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत जोड़ो यात्रा के संबंध में सही फैसला लेना चाहिए।
लेकिन अरुण सिंह के बयान के कुछ ही घंटों के बाद राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि क्योंकि अभी केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोई एडवाइजरी जारी नहीं हुई है इसलिए कुछ असमंजस था।
पूनिया ने कहा कि यह तब तक जारी रहेंगी जब तक केंद्र और राज्य सरकार कोरोना को लेकर कोई एडवाइजरी जारी नहीं करती हैं। इसके बाद अरुण सिंह ने भी अपना बयान जारी कर कहा कि जन आक्रोश यात्राओं को रोक दिया गया है लेकिन जन आक्रोश सभाएं जारी रहेंगी।
बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने की अपील की थी। इसके बाद बीजेपी की ओर से जन आक्रोश यात्रा रद्द करने का एलान किया गया था। लेकिन कुछ ही घंटे में पार्टी अपनी बात से पलट गई।
बीजेपी ने राजस्थान में 1 दिसंबर को जन आक्रोश यात्रा शुरू की थी। इसके साथ ही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा भी कई दिनों तक राज्य में चलती रही थी। राजस्थान में अगले साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं और कांग्रेस शासित इस राज्य में उसे सत्ता से हटाने की तैयारी के साथ बीजेपी ने जन आक्रोश यात्रा शुरू की थी।
नड्डा ने दिखाई थी हरी झंडी
जन आक्रोश यात्रा को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरी झंडी दिखाई थी। इस यात्रा को राजस्थान के सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरना था। यात्रा के दौरान राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल सहित तमाम नेताओं ने कई जगहों पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
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