पीएम नरेंद्र मोदी सात दिनों के बाद फिर आगामी 2 अक्टूबर को राजस्थान का दौरा करेंगे। इससे पहले 25 सितंबर को उन्होंने राजस्थान के जयपुर में परिवर्तन संकल्प महासभा को संबोधित किया था। बीते 11 महीने में पीएम मोदी 9 बार राजस्थान आ चुके हैं।
पीएम के इन लगातार होते दौरे से साफ है कि राजस्थान में भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव की कमान संभाल ली है। 25 सितंबर को पीएम मोदी की विशाल सभा आयोजित कर भाजपा ने चुनावी शंखनाद कर दिया है। अब खबर सामने आ रही है कि राजस्थान चुनाव में पार्टी की रणनीति का ब्लू प्रिंट बुधवार को गृहमंंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा ने बना लिया है।
जयपुर में बुधवार को दोनों नेताओं ने साढ़े छह घंटे तक राजस्थान भाजपा के नेताओं के साथ बैठक कर तय कर लिया है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीति क्या होगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरुवार तड़के ढाई बजे से ज्यादा तक यह बैठक चली।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर सकती है। वहीं मध्य प्रदेश की तरह ही पार्टी राजस्थान में भी पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ सकती है।
इस संभावना के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि पार्टी ने राजस्थान में अभी तक मुख्यमंत्री का कोई चेहरा घोषित नहीं किया है। किसी स्थानीय नेता को चेहरा बनाकर पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव में उतरेगी इसका कोई संकेत पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने अब तक नहीं दिया है।
यहां तक की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जो कि वर्षों तक राजस्थान में भाजपा का चेहरा रही हैं इस बार पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया है।
भाजपा ने तेज की विधानसभा चुनाव की तैयारियां
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 25 सितंबर को सभा के बाद भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी है। इसी कड़ी में बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बुधवार को जयपुर पहुंचे थे। इन्होंने जयपुर के एक होटल में बुधवार देर रात तक राजस्थान के करीब 16 बड़े के नेताओं के साथ बैठकें की हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में सीटों पर प्रत्याशियों के चयन के आधार को लेकर कई अहम चर्चा हुई हैं। चुनाव की घोषणा होने तक के कार्यक्रम तय किए गए हैं।
दोनों शीर्ष नेताओं ने राजस्थान भाजपा के नेताओं को साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वे आपसी गुटबाजी को छोड़ कर पार्टी हित में काम करें। चुनावों में पूरी ताकत झोंक देने की नसीहत दी गई है। शीर्ष नेताओं ने पार्टी की तैयारियों की समीक्षा की और सभी कमियां तुरंत दूर करने की बात कही है।
इस बैठक को लेकर सामने आई जानकारी के मुताबिक नड्डा और शाह ने राजस्थान में चल रही परिवर्तन यात्राओं में कई जगह भीड़ नहीं जुटने और नेताओं की गुटबाजी के चलते कई जगह स्थानीय नेताओं के विरोध जैसी घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई है।
संघ के साथ होने वाली बैठक रद्द हुई
गुरुवार को दोनों नेताओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक होनी थी लेकिन इसे रद्द कर दिया गया है। दोनों नेता अब दिल्ली लौट चुके हैं। यह बैठक क्यों रद्द की गई इसको लेकर अभी स्पष्ट जानकारियां सामने नहीं आ पाई हैं। राजस्थान की राजनीति पर नजर रखने वालों के बीच चर्चा है कि आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक प्रकाशचंद को आगामी चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।इसको लेकर दोनों नेताओं के संघ पदाधिकारियों से साथ बैठक करने और चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श करने संभावना थी, लेकिन बिना कोई कारण बताए इस बैठक को रद्द कर दिया गया।
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