राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने कहा है कि उदयपुर के कन्हैया लाल मर्डर मामले में यूएपीए के तहत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि हत्या के इस मामले को आतंकी कृत्य मानकर कार्रवाई की जा रही है। डीजीपी ने इस मामले में स्वीकार किया कि स्थानीय पुलिस हालात का आकलन करने में फेल रही।
उधर, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की कानून और व्यवस्था से जुड़े अफसरों के साथ बैठक की। बता दें कि इस घटना के बाद उदयपुर में सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए थे और हालात बिगड़ने की आशंका से 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है और साथ ही राज्य भर में धारा 144 लागू कर दी गई है।
गहलोत ने बुधवार शाम को राज्य के सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई है।
डीजीपी लाठर ने कहा कि हत्याकांड के दोनों ही अभियुक्तों का पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से संबंध माना जा रहा है और एक अभियुक्त गौस मोहम्मद साल 2014 में कराची गया था।
डीजीपी लाठर ने कहा कि 11 जून को धानमंडी पुलिस थाना द्वारा कन्हैया लाल को धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस की चूक पर धानमंडी पुलिस स्टेशन के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर भंवर लाल को निलंबित कर दिया गया है।
डीजीपी ने बताया कि इस मामले में एसएचओ को भी सस्पेंड कर दिया गया है और अगर किसी अन्य अफसर की गलती पाई जाएगी तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्थान पुलिस एनआईए के साथ आगे की जांच करेगी। बता दें कि गृह मंत्रालय ने बुधवार को एनआईए से कहा है कि वह इस मामले की जांच करे। एनआईए ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उधर, राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा है कि गौस मोहम्मद साल 2014-15 में 45 दिन पाकिस्तान में रहा था और 2018-19 में वह अरब देशों में भी गया था और उसके बाद नेपाल भी गया था। उन्होंने कहा कि वह 8 से 10 पाकिस्तानी नंबरों के संपर्क में था।
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