जोधपुर में दो समुदायों के बीच हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद पुलिस ने 97 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। हालात को देखते हुए जोधपुर के 10 थाना क्षेत्रों में बुधवार रात तक कर्फ्यू लगाया गया है। सांप्रदायिक तनाव की घटना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं तो पुलिस भी पूरी तरह चुस्त-दुरुस्त है।
जिन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है उनमें उदय मंदिर, नागौरी गेट, प्रताप नगर, देव नगर, सूर सागर और सरदारपुरा आदि शामिल हैं।
सोमवार रात को दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे। यह झड़प जालोरी गेट इलाके में हुई थी। इसके बाद पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थी और पुलिस को हालात को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।
लेकिन मंगलवार सुबह फिर से पत्थरबाजी की घटना हुई थी। पत्थरबाजी की घटना में 4 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर से ही आते हैं।
इंटरनेट बंद
हालात को देखते हुए जोधपुर में इंटरनेट को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। मंगलवार को पुलिस की सुरक्षा में ईद की नमाज पढ़ी गई। ईद के साथ ही परशुराम जयंती का त्यौहार भी मनाया गया।
कैसे शुरू हुआ बवाल?
सोमवार रात को हुआ बवाल धार्मिक झंडे लगाने को लेकर हुआ। एक गुट ने अपने धार्मिक झंडे लगाए तो दूसरे गुट ने इस पर एतराज जताया और इसके इसके बाद दोनों आमने-सामने आ गए।
शांति बनाए रखें: गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि जालौरी गेट, जोधपुर पर दो गुटों में झड़प से तनाव पैदा होना दुर्भाग्यपूर्ण है और प्रशासन को हर कीमत पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने सभी पक्षों से अपील की है कि शांति बनाए रखें एवं कानून-व्यवस्था बनाने में सहयोग करें।
बता दें कि बीते दिनों देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं और इन्हें लेकर देश का सियासी माहौल बेहद गर्म है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने और अजान को लेकर भी विवाद चल रहा है।
राजस्थान के करौली में भी सांप्रदायिक हिंसा की घटना हुई थी और राजगढ़ में 300 साल पुराने मंदिरों को गिराए जाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर वाद विवाद हुआ था।
विवाद के बाद प्रशासन ने कहा था कि वह इन मंदिरों को फिर से बनाएगा। इसे लेकर बीजेपी ने आक्रोश रैली निकाली थी तो कांग्रेस ने उसके आरोपों का जवाब दिया था।
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