पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जहां एक ओर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतर सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है, वहीं राजस्थान में मामला फंसता दिख रहा है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में दो सूची जारी की जा चुकी है।
बुधवार को ही राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की सूची आनी थी लेकिन शाम तक इसे जारी नहीं किया गया। फिर कहा गया कि गुरुवार को यह जारी की जायेगी लेकिन बाद में कहा गया कि इसकी अभी कोई गारंटी नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की विधानसभा सूची मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तीन करीबियों के कारण फंसी है। सूत्र बताते हैं कि राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों में से 100 पर नाम तय किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन तीन वफादारों पर कांग्रेस पार्टी में विवाद चल रहा है। ये वही तीन नेता हैं जिन्हें पिछले साल विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। ये तीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कितने करीब हैं इसे इस बात से समझा जा सकता है कि इनमें से दो मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन तीन वफादारों में शांति धारीवाल, महेश जोशी और राजस्थान के टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ शामिल हैं।
सूत्र बताते हैं कि बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 100 सीटों पर नाम तय कर दिए गए थे और इन नामों की पहली सूची जारी की जा सकती थी।
इस बैठक में कहा गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इन तीनों करीबियों के खिलाफ रिपोर्ट आई है। इसके कारण समिति इन्हें टिकट देने को तैयार नहीं थी। वहीं इन तीनों के खिलाफ रिपोर्ट होने के बावजूदअशोक गहलोत ने इन्हें टिकट देने की इच्छा जताई है। अशोक गहलोत की इस इच्छा से पार्टी सहमत नहीं थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन तीनों के नाम पेंडिंग में चल रहे हैं।
दावा : धीरज गुज्जर का नाम भी पेंडिंग सूची में
कांग्रेस की सूची राजस्थान में फंसने के कई और भी कारण बताएं जा रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के सचिव धीरज गुज्जर का नाम भी पेंडिंग सूची में डाल दिया गया है। धीरज गुर्जर राजस्थान के कद्दावर नेताओं में से एक हैं। वह यूपी के प्रभारी हैं। साथ ही कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के करीबी भी हैं।
इसके अतिरिक्त कुछ और बड़े नेताओं के नाम पर पेंच इसलिए फंस गया है कि सर्वे एजेंसियों ने रिपोर्ट दी है कि वे चुनाव हार सकते हैं। कुछ नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें टिकट मिला तो वे हार सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति पर उन्हें टिकट देने का दबाव भी है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में जहां कुल 106 नामों पर चर्चा हुई उसमें एक नेता पर राहुल गांधी ने भी आपत्ति जताई है। बताया जा रहा है कि उस नेता पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।
बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत अधिकतर विधायकों को फिर टिकट देने के पक्ष में हैं। वह तर्क दे चुके हैं कि राज्य सरकार उनके सहयोग से ही अच्छा काम कर सकी है। अशोक गहलोत कहते हैं कि भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा की साजिश थी।
अब देखना यह है कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कब तक अपनी सूची जारी करती है।
कांग्रेस ने बुधवार को अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है
छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में 53 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है।इससे पहले कांग्रेस ने 15 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के अपने 30 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। राज्य की कुल 90 सीटों में से अभी भी 7 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अगले कुछ दिनों में इन सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जायेगी। बुधवार को जारी इस दूसरी सूची में भिलाई नगर से देवेंद्र यादव और रायपुर सिटी पश्चिम से विकास उपाध्याय, रायपुर सिटी दक्षिण से महंत राम सुंदर दास, रायपुर ग्रामीण से पंकज शर्मा, दुर्ग सिटी से अरुण वोरा, जगदलपुर से जितीन जायसवाल का नाम इस सूची में शामिल हैं। वहीं धरसींवा से वर्तमान विधायक अनीता शर्मा का टिकट कट गया है।
बुधवार को जारी इस सूची को कांग्रेस महसचिव केसी वेणुगोपाल ने जारी किया है। माना जा रहा है कि इस सूची में विभिन्न तरह के सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखा गया है। इसमें बड़ी संख्या में ओबीसी समुदाय से आने वाले उम्मीदवारों को जगह दी गई है। कांग्रेस आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में ओबीसी मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही है। पार्टी ने दुबारा सरकार बनने पर राज्य में जाति गणना कराने की बात कही है।
कांग्रेस ने बीते 15 अक्टूबर को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के लिए 229 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इन सूचियों में मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 144, छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 30 और तेलंगाना की कुल 119 विधानसभा सीटों में से 55 के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी।
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