कांग्रेस की शिकायत पर राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस जारी किया था और उन्हें शुक्रवार तक इसका जवाब देने के लिए कहा था। इस नोटिस में कहा गया था कि इन विधायकों ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लेकर अनुशासन भंग किया है तो ऐसे में उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए। इन सभी विधायकों ने स्पीकर के नोटिस को अदालत में चुनौती दी थी।
कथित ऑडियो टेप पर बवाल
इससे पहले गहलोत सरकार ने एक्शन में आते हुए कथित ऑडियो टेप को लेकर शेखावत व कांग्रेस के बाग़ी विधायक भंवर लाल शर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर ली है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि जो दो कथित ऑडियो टेप सामने आए हैं, इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन के बीच बातचीत हो रही है।
कांग्रेस का कहना है कि ऑडियो टेप में बातचीत के दौरान पैसे के लेन-देन को लेकर और गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश रची जा रही है।
कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा है कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और इन ऑडियो टेप में उनकी आवाज़ नहीं है।
एफ़आईआर दर्ज करने के अलावा कांग्रेस ने दो विधायकों को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। ये दोनों ही विधायक बाग़ी नेता सचिन पायलट के समर्थक हैं। इनमें भंवर लाल शर्मा के अलावा विश्वेंद्र सिंह का नाम शामिल है। इन दोनों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। हालांकि शर्मा ने इन ऑडियो टेप को फ़र्जी बताया है और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया है।
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