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फ़ोटो क्रेडिट - @KalrajMishra

राजस्थान: राज्यपाल का पलटवार, बोले- पहले किसी सीएम का ऐसा बयान नहीं सुना

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आक्रामक तेवरों के बाद बारी राज्यपाल कलराज मिश्रा की थी और उन्होंने गहलोत के ‘जनता विधानसभा को घेर लेगी’ वाले बयान पर पलटवार किया। मिश्रा ने शुक्रवार रात गहलोत को पत्र लिखकर कहा कि अगर मुख्यमंत्री की ओर से कोई भी पत्र/प्रकरण आता है तो उन्हें संविधान के प्रावधानों के तहत प्रकरण की पूरी जांच करते हुए ही फ़ैसला लेना होता है। महामहिम राज्यपाल ने यह भी लिखा है कि वह गहलोत के बयान से आहत हैं। 

राज्यपाल ने लिखा है, ‘आपने विधानसभा सत्र बुलाने की अनुशंसा 23 जुलाई को की। इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के लिए विशेषज्ञों से चर्चा कर पाता आपने सार्वजनिक रूप से प्रेस के सामने कह दिया कि यदि राजभवन का घेराव होता है, तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं होगी।’

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राज्यपाल ने आगे लिखा है, ‘आप और आपका गृह मंत्रालय क्या राज्यपाल की रक्षा भी नहीं कर सकता है तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति के संबंध  में आपका क्या मंतव्य है। साथ ही यह भी बताएं कि राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क करें?’ 

महामहिम राज्यपाल ने लिखा है, ‘मैंने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में किसी भी मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान नहीं सुना और चुने हुए विधायकों द्वारा राज्यपाल के आवास के अंदर धरना देना गलत परंपरा एवं दबाव की राजनीति की शुरुआत तो नहीं है?’ अंत में राज्यपाल ने लिखा है कि गहलोत इन सब बिन्दुओं पर स्थिति स्पष्ट करें।

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इसके बाद गहलोत ने शुक्रवार देर रात तक कैबिनेट की बैठक ली और राज्यपाल के सवालों के जवाब को लेकर चर्चा की। अशोक गहलोत सरकार और प्रदेश कांग्रेस कमेटी लगातार यही मांग कर रही हैं कि विधानसभा का सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाना चाहिए। उनकी इस मांग के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है। 

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इससे पहले शुक्रवार को जयपुर में हाई वोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा हुआ था और विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए थे। इस दौरान विधायक वहां धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाज़ी की थी। इससे लगता है कि अपनी कई राज्य सरकारों को गंवा चुकी कांग्रेस इस बार जोरदार पलटवार के मूड में है।  

गहलोत ने जब यह कहा, ‘राज्यपाल किसी के दबाव में नहीं आएं, वरना फिर हो सकता है कि पूरे प्रदेश की जनता राजभवन को घेरने के लिए आ गई तो यह हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी’, इसका मतलब यही माना जाना चाहिए कि गहलोत बीजेपी से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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