राजस्थान की सियासत में जांच एजेंसियों के द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मुकम्मल दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के जोधपुर स्थित घर व कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी।
यह छापेमारी कथित फर्टिलाइजर घोटाले में मनी लॉन्ड्रिन्ग के आरोपों को लेकर हुई थी। जोधपुर के अलावा ईडी ने राजस्थान में उनके छह ठिकानों, गुजरात में चार, बंगाल में दो और दिल्ली में एक जगह पर भी छापे मारे थे। अग्रसेन गहलोत जोधपुर में अनुपम कृषि नाम की कंपनी चलाते हैं।
इसके बाद ईडी की ओर से उन्हें समन भेजा गया और उनसे बुधवार को दिल्ली स्थित मुख्यालय पर जांच अधिकारियों के सामने हाजिर होने के लिए कहा गया है।
कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि केंद्र की मोदी सरकार सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स जैसी प्रतिष्ठित जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। दूसरी ओर, बीजेपी भी राजस्थान पुलिस की एसओजी और एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा दर्ज मुक़दमों को लेकर सवाल दाग रही है।
क्यों हुई थी छापेमारी?
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि उन्होंने म्यूरिऐट ऑफ़ पोटाश (एमओपी) को विदेशी कंपनियों को बेच दिया और उन्हें यह एमओपी सब्सिडी वाले रेट्स पर मिली थी। आरोप है कि इससे सरकार को 60 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है। एमओपी पौधों के बढ़ने के लिए ज़रूरी होती है। ईडी ने इस मामले में प्रीवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिन्ग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।‘मोदी का रेड राज’
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘जैसे ही राजस्थान में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र शुरू हुआ, 13 जुलाई को इनकम टैक्स और ईडी ने कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा, धर्मेंद्र राठौड़ और फेयरमॉन्ट होटल के मालिक रतन शर्मा के ठिकानों पर छापे मारी शुरू कर दी।’
सुरजेवाला ने कहा था कि मोदी जी, आपने इस देश में रेड राज पैदा किया हुआ है और इससे राजस्थान डरने वाला नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया था कि जब बीजेपी का नेतृत्व फ़ेल हो जाता है तो ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई आगे आ जाती हैं।’
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