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प्रतीकात्मक तसवीर।

गो हत्या पर राजस्थान के 2 गांवों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद 

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के भादरा कस्बे में गो हत्या के बाद सांप्रदायिक तनाव का माहौल है। इस वजह से 2 गांवों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है और भादरा कस्बे में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है। 

हनुमानगढ़ जिले के डीएम नथमल डिडेल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अब तक इस मामले में पांच एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और 123 लोगों को इसमें नामजद किया गया है।

अखबार के मुताबिक, सांप्रदायिक तनाव की घटना ईद के आसपास 11 जुलाई से शुरू हुई। एक महिला ने कहा था कि उसने अपने पड़ोस में कुछ लोगों को सुबह 4 बजे के वक्त गाय काटते हुए देखा था। 

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इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची, उसने एक घर से मांस बरामद किया और इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया। 18 जुलाई को इसकी रिपोर्ट आई तो मांस के 12 सैंपल में से 1 सैंपल पॉजिटिव निकला। 

डीएम ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसी दिन एफआईआर दर्ज की गई और इसके बाद कुछ लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में फारूक, अनवर, अमीन खान और सिकंदर खान शामिल थे। 

एफएसएल की रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी के पूर्व विधायक संजीव बेनीवाल के नेतृत्व में कुछ लोग जिला प्रशासन के अफसरों से मिले थे और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की थी। 

गांव में दिया धरना 

24 जुलाई को कुछ लोगों ने गांधी बाड़ी गांव में इस बात को लेकर धरना शुरू कर दिया कि मामले में एक और शख्स की गिरफ्तारी की जानी चाहिए और साथ ही धार्मिक स्थलों के आसपास कुछ प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए। प्रदर्शनकारियों की यह भी मांग थी कि कब्रिस्तान को लेकर जो अतिक्रमण किया गया है उसे हटाया जाना चाहिए। 

डीएम ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 25 जुलाई को पुलिस ने इन लोगों को समझाया कि उदयपुर में हुई हत्या की वजह से धारा 144 लागू है और उन्हें धरना देने के लिए एसडीएम की अनुमति लेनी चाहिए लेकिन वे नहीं माने। 

नुपूर शर्मा का समर्थन करने की वजह से उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। 

डीएम ने बताया कि 26 जुलाई को उन्होंने पुलिस अधीक्षक के साथ प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें भरोसा दिया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा लेकिन प्रदर्शनकारी जिद पर अड़े रहे और धरना खत्म नहीं किया।
इसके बाद पुलिस ने 15 लोगों को धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। लेकिन अगले ही दिन 200 से 250 महिलाएं और 50 पुरूष प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पुलिस के पास पहुंच गए। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और फिर कर्फ्यू भी लगाना पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भी दो एफआईआर दर्ज की हैं। 
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सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं

राजस्थान में अप्रैल-मई के महीने में कई जगहों पर सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं हुई थी और इनमें दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए थे। सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं करौली से लेकर जोधपुर और भीलवाड़ा से लेकर हनुमानगढ़ तक हुई थीं।

भीलवाड़ा में 22 साल के युवक की हत्या कर दी गई थी। बीजेपी और विश्व हिंदू परिषद की ओर से इस मामले में बंद भी बुलाया गया था। करौली में हनुमान जयंती के मौके पर निकली शोभायात्रा में और परशुराम जयंती और ईद के मौके पर जोधपुर में भी हिंसा की घटनाएं हुई थी। 

हनुमानगढ़ के नोहर में विश्व हिंदू परिषद के ब्लॉक अध्यक्ष के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। इन घटनाओं को लेकर बीजेपी और कांग्रेस भी आमने-सामने आ गए थे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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