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कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: गहलोत नहीं छोड़ेंगे राजस्थान?

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात को कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की। बैठक के बाद गहलोत के करीबी और कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि अशोक गहलोत राजस्थान नहीं छोड़ रहे हैं। बताना होगा कि इस बात की जोरदार चर्चा है कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उम्मीदवार होंगे और जल्द ही अपना नामांकन दाखिल करेंगे। 

विधायकों की यह बैठक उस दिन बुलाई गई जब पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट राज्य से बाहर थे। पायलट भी विधायक हैं। 

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक़, खाचरियावास ने कहा, मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि पार्टी उन्हें निर्देश देगी तो वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। खाचरियावास ने कहा कि अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री हैं और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राजस्थान नहीं छोड़ रहे हैं क्योंकि वह खुद ही बजट तैयार कर रहे हैं और इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री कहीं नहीं जा रहे हैं और वह राजस्थान में ही रहेंगे। 

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पिछले महीने खबर आई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अशोक गहलोत से पार्टी का अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह किया था। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गहलोत ने बैठक में कांग्रेस विधायकों को इस बात का साफ संकेत दिया कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वह इस चुनाव में उम्मीदवार होंगे। 

26 को करेंगे नामांकन

एनडीटीवी के मुताबिक, अशोक गहलोत 26 सितंबर को नामांकन दाखिल करने पर राजी हो गए हैं। गहलोत बुधवार को दिल्ली आएंगे और सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह केरल जाएंगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए अंतिम बार मनाने की कोशिश करेंगे। 

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बैठक में गहलोत ने पार्टी विधायकों से कहा कि जब वह नामांकन दाखिल करेंगे तो सभी विधायक दिल्ली आएं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन 24 सितंबर से शुरू होंगे और 30 सितंबर तक चलेंगे।

एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेतृत्व से कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी कुछ वक्त तक राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं और अगर उन्हें पूरी तरह राष्ट्रीय राजनीति में लाया जाता है तो वह चाहते हैं कि उनका कोई करीबी राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे और अगर ऐसा नहीं होता है तो वह दोनों भूमिकाओं में रहना चाहते हैं यानी तब वह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बनना चाहेंगे और मुख्यमंत्री का पद भी अपने पास रखेंगे।

बढ़ेगा सियासी घमासान?

कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का यह कहना कि गहलोत राजस्थान नहीं छोड़ रहे हैं, यह कांग्रेस आलाकमान के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। इस बात से राजस्थान के अंदर सियासी घमासान बढ़ सकता है क्योंकि अगर अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए तो निश्चित रूप से पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थकों का धैर्य जवाब दे सकता है। 

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बताना होगा कि अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के बाद से ही राजस्थान में उनके सियासी विरोधी सचिन पायलट का खेमा जबरदस्त एक्टिव हो गया है। पायलट खेमे को उम्मीद है कि अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे और मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके नेता सचिन पायलट को मिलेगी लेकिन क्या ऐसा हो पाएगा। क्या अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार होंगे?

बताना होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान सोनिया गांधी ने शशि थरूर से कहा कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पूरी तरह तटस्थ रहेंगी। 

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इस बीच, कांग्रेस की कई राज्य इकाइयां राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के पक्ष में प्रस्ताव पास कर चुकी हैं लेकिन खबरों के मुताबिक राहुल गांधी पार्टी को बता चुके हैं कि वह फिर से पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। 

ऐसे में आने वाले दिन कांग्रेस के लिए बेहद घमासान भरे हो सकते हैं और ऐसा भी हो सकता है कि पार्टी राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी के मसले को आसानी से सुलझा ले। 

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क़मर वहीद नक़वी
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