loader

क्या सचिन पायलट भी कांग्रेस छोड़ेंगे?

क्या कांग्रेस राजस्थान में भी अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने को तैयार बैठी है? क्या मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार गिरने वाली है? क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह ही सचिन पायलट भी बीजेपी में शामिल होंगे? 
ये सवाल हैं, जिनके जवाब देर सबेर मिलेंगे। फ़िलहाल खुद अपनी ही सरकार से मिले नोटिस से सचिन पायलट फनफनाये हुये हैं और खबरों के मुताबिक़, काफी ग़ुस्से में हैं। नोटिस में कहा गया है कि वह स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज करायें। इस मामले में खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पेश होना है। 
राजस्थान से और खबरें

मामला क्या है?

अपुष्ट खबरों के अनुसार, सचिन कुछ विधायकों के साथ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हैं। अगर ऐसा है तो फिर कांग्रेस की एक और सरकार गयी।

राजस्थान एटीएस और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने शुक्रवार को सचिन पायलट को नोटिस जारी किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। गहलोत ने यह भी कहा था कि बीजेपी कांग्रेस के हर विद्रोही विधायक को 15 करोड़ रुपए का प्रलोभन दे रही है। इसके बाद ही पायलट को नोटिस मिला है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने एनडीटीवी से यह भी कहा कि बीजेपी की यह साजिश नाकाम होगी और उनकी सरकार बरक़रार रहेगी। 

दिल्ली में पायलट

लेकिन सचिन पायलट अपने समर्थक 19 विधायकों के साथ रविवार सुबह ही दिल्ली पहुँच गए। वह वहाँ पार्टी हाई कमान से मुलाक़ात कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि सचिन पायलट का यह विद्रोह कांग्रेस पार्टी के अंदर युवा बनाम बुजुर्ग नेतृ्त्व के बीच पहले से चल रहे संघर्ष का नतीजा है। यह अनपेक्षित नहीं है, पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इसकी चिंता ज़रूर है कि मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी सत्ता हाथ से न निकल जाए।
इसके एक दिन पहले ही सचिन पायलट ने सोनिया गांधी के नज़दीकी और पार्टी में बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले अहमद पटेल से बात की थी। राजस्थान कांग्रेस में फूट करवा कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार को हटाने और सत्ता हथियाने की बीजेपी की कथित कोशिशों के बीच यह घटनाक्रम बेहद अहम है।
Congress in crisis in Rajasthan as Sachin Pilot may quit - Satya Hindi
अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री, राजस्थान

पायलट को आश्वासन

समझा जाता है कि सचिन पायलट ने पटेल को बताया कि किस तरह राज्य में उन्हें 'लगातार हाशिए पर धकेलने की' कोशिशें की जा रही हैं। इस पर अहमद पटेल ने उन्हें समझाया कि 'पार्टी उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।'
कांग्रेस पार्टी राजस्थान की घटनाओं को लेकर चिंतित इसलिए है कि कुछ हफ़्ते पहले ही मध्य प्रदेश में बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों को तोड़ कर अपनी तरफ लाने में कामयाबी हासिल की। उसके बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर पड़ी और बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान ने कमान संभाल ली।
समझा जाता है कि सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली इसलिए पहुँच गए हैं कि वब केंद्रीय नेतृत्व को अपनी ताक़त का अहसास करवा सकें।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शतरंज की बिसात पर अपनी चालें चल रहे हैं। उन्होंने शनिवार को अपने आवास पर अपने मंत्रियों को बुलाया ताकि राज्य की 'राजनीतिक स्थिति पर बात की जा सके।'

मुख्यमंत्री के वफ़ादार!

शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह  खचरियावास, श्रम मंत्री टीकाराम जल्ली और दूसरे मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की। कांग्रेस विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी गहलोत से मुलाक़ात की।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच के तल्ख़ रिश्तों की बात नयी नहीं है। ख़ुद पायलट मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे और उन्हें समझा बुझा कर ही गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद भी दोनों नेताओं में नहीं बनी थी और उनके बीच की खटपट कई बार खुल कर सामने आ गई थी। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजस्थान से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें