इसके अलावा पार्टी बैठक से ग़ैर-हाजिर रहे विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी करने जा रही है। यह भी ख़बर है कि बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने एकमत से विधायक दल के नेता के रूप में अशोक गहलोत का ही समर्थन किया है।
पायलट के समर्थक विधायक मुकेश भाकर के ट्वीट ने कहानी बहुत हद तक साफ कर दी है कि पायलट झुकने के मूड में नहीं हैं। भाकर ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है।’
पायलट समर्थकों का वीडियो
सोमवार रात को पायलट के समर्थकों का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें लगभग 15 विधायक दिखाई दिए। हालांकि इस वीडियो में पायलट नहीं दिखे हैं। बताया गया है कि यह वीडियो हरियाणा के मानेसर में स्थित किसी रिसॉर्ट का है। पायलट गुट के 30 विधायकों के समर्थन के दावे के उलट कांग्रेस का कहना है कि यह आंकड़ा 10 से 12 विधायकों का है।पायलट को मनाने की कोशिश
सोमवार को कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को मनाने की पुरजोर कोशिश की थी। पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल, महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी पायलट से बात की थी।अशोक गहलोत को झटका
उधर, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की बग़ावत के कारण परेशान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक और झटका लगा है। राज्य सरकार को समर्थन दे रही भारतीय ट्राइबल पार्टी ने अपने दोनों विधायकों को पत्र जारी कर कहा है कि वे सदन में फ़्लोर टेस्ट के लिए वोटिंग के दौरान तटस्थ रहें। ऐसे में यह गहलोत सरकार के लिए एक नई मुश्किल का सबब बन सकता है क्योंकि बीजेपी के कई नेताओं ने कहा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है और उन्होंने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है।
पार्टी ने विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर आप पार्टी के व्हिप की अनदेखी करते पाए जाएंगे तो पार्टी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस मुद्दे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकारों की चर्चा।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार शाम को कहा था, 'हम सचिन पायलट और सभी विधायकों से बैठक में आने का और राजनीतिक हालात पर चर्चा करने का अनुरोध करते हैं।'
सुरजेवाला ने कहा कि अगर किसी के किसी के साथ मतभेद हैं तो उसे उन बातों को खुलकर रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी हर एक व्यक्ति की बात को सुनने और विवाद का हल निकालने के लिए तैयार हैं। आइए, बैठकर बातचीत कीजिए, हम समस्या का निदान निकाल लेंगे।’
क्या है राजस्थान का सियासी गणित
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं। कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं। इन 107 में से 6 विधायक बीएसपी के भी हैं, ये सभी विधायक पाला बदल कर पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए थे। कांग्रेस के पास 11 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है। इसके अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दो और राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक का समर्थन कांग्रेस के पास है। निर्दलीय और छोटी पार्टियों के कुल 14 विधायकों के समर्थन के कारण 121 विधायकों का समर्थन कांग्रेस को हासिल है। पहले यह आंकड़ा 123 था लेकिन भारतीय ट्राइबल पार्टी की ओर से जारी पत्र के बाद यह आंकड़ा 121 रह गया है।
दूसरी ओर, बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। यह संख्या 77 बैठती है।
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