राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। गहलोत ने कहा कि उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री से राज्य के सियासी संकट को लेकर बात की और राज्यपाल कलराज मिश्रा के व्यवहार को लेकर भी चर्चा की। गहलोत ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को उनके द्वारा एक हफ़्ता पहले लिखे गए पत्र के बारे में भी बताया।
गहलोत ने रविवार शाम को बेहद तीख़े तेवर दिखाए थे और मोदी सरकार को हिदायत दी थी कि वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराने का काम छोड़ दे, क्योंकि इतिहास किसी को माफ़ नहीं करता।
गहलोत ने कहा था कि मोदी प्रधानमंत्री इसलिए बन पाए क्योंकि भारत में लोकतंत्र है, यदि यहां पाकिस्तान जैसे हालात होते तो शायद वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाते।
पीएम आवास भी घेरेंगे
गहलोत ने कुछ दिन पहले पार्टी के विधायकों की बैठक में भी हमलावर तेवर दिखाए थे। उन्होंने कहा था कि अगर ज़रूरत पड़ी तो राष्ट्रपति भवन भी जाएंगे लेकिन बीजेपी की साज़िश को सफल नहीं होने देंगे। अनुभवी नेता गहलोत ने कहा था कि अगर हमें राष्ट्रपति भवन या प्रधानमंत्री आवास घेरना पड़ा तो हम वह भी घेरेंगे। विधायकों ने भी हाथ उठाकर गहलोत को समर्थन दिया था।फ़्रंटफ़ुट पर गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस सियासी घमासान में बेहद आक्रामक नज़र आ रहे हैं। गहलोत ने पायलट की बग़ावत के बाद से ही बीजेपी को निशाने पर लिया था और उस पर सरकार को गिराने का आरोप लगाया था। जब यह लड़ाई जांच एजेंसियों तक पहुंची तो गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पूछताछ के लिए एसीबी की टीम दिल्ली भेज दी। मानेसर में जिस होटल में बाग़ी विधायक रुके हैं, वहां भी राजस्थान पुलिस की टीम भेजी थी।
विधानसभा का सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर गहलोत अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गए थे और इस दौरान विधायक वहां धरने पर बैठ गए थे और जमकर नारेबाज़ी की थी। अब राज्यपाल के व्यवहार को लेकर पीएम मोदी से बात कर गहलोत ने नया सियासी दांव खेला है।
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