राजस्थान में बीजेपी के उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद कई टिकट दावेदारों में असंतोष है। इसको लेकर कई नेताओं ने तो खुलकर अपनी नाराज़गी दिखाई है। टिकट को पार्टी में लेकर चल रही हलचल के बीच अब इस तरह के असंतोष से पार पाने और 'डैमेज कंट्रोल' के लिए पार्टी ने रणनीति बनाई है।
असंतोष उन्हीं जगहों पर है जहाँ के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। बीजेपी ने आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। सूची में 41 उम्मीदवारों के नाम हैं, जिनमें सात सांसद भी शामिल हैं। सांसद नरेंद्र कुमार को मंडावा से, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को झोटवाड़ा से, दीया कुमारी को विद्याधर नगर से, बाबा बालकनाथ को तिजारा से, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को सवाई माधोपुर से, भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से और देवजी पटेल को सांचोर विधानसभा सीट से उतारा गया है।
ऐसे असंतोष से निपटने और इस मुद्दे के समाधान के लिए बीजेबी ने राज्य मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में एक आंतरिक समिति का गठन किया है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार पार्टी के राज्य प्रभारी अरुण सिंह ने नाराज़ नेताओं को मनाने के लिए गुरुवार को कुछ नेताओं से मुलाकात की। रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने टिकट चाहने वालों को यह बताना चाहा है कि अब तक केवल 41 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है और 159 सीटों के लिए उम्मीदवारों को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। यानी एक तरह से जिन नेताओं में असंतोष है उन्हें एक दिलासा दिलाया जा रहा है। क्या नाराज़ नेता इससे शांत होंगे?
विद्याधर नगर (जयपुर) विधायक और पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के रिश्तेदार नरपत सिंह राजवी नाराज़ हैं। पार्टी द्वारा राजसमंद सांसद दीया कुमारी को उनके निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद राजवी आलोचना करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने आमेर के पूर्व शाही परिवार के बारे में कुछ विवादास्पद टिप्पणियां कीं, लेकिन बाद में उन्हें वापस ले लिया।
चार बार के विधायक राजपाल सिंह शेखावत के समर्थकों ने जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को जयपुर जिले की उनकी सीट झोटवाड़ा से मैदान में उतारने के फैसले का विरोध किया।
सांचोर से उम्मीदवार बनाए गए जालोर-सिरोही के सांसद देवजी पटेल को बुधवार को निर्वाचन क्षेत्र में अपने पहले अभियान के दौरान स्थानीय भाजपा नेताओं के समर्थकों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोका और उनके काफिले पर पथराव किया, जिससे कुछ खिड़कियां टूट गईं।
भाजपा नेता मुकेश गोयल कोटपूतली से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में रो पड़े। बाबा बालकनाथ को टिकट मिलने पर पूर्व विधायक मामन सिंह ने भी कुछ वैसी ही प्रतिक्रिया दी। भरतपुर जिले की नगर सीट से दो बार विधायक रहीं अनिता सिंह ने कहा कि उन्हें नजरअंदाज कर मैदान में उतारे गए पार्टी प्रत्याशी जवाहर सिंह बेदम की जमानत जब्त हो जाएगी। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार टिकट न दिए जाने का विरोध करने वाले अन्य लोगों में बानसूर में पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा, किशनगढ़ में विकास चौधरी और देवली-उनियारा में राजेंद्र गुर्जर शामिल हैं।
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