पुलिस ने घटना की पुष्टि करते हुए एफ़आईआर दर्ज कर ली है और दो लोगों को इस मामले में गिरफ़्तार कर लिया है।
मामला क्या है?
गफ़्फ़ार अहमद कछवा के भतीजे शाहिद ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'सुबह चार बजे मेरे चाचा सवारियों को छोड़ कर लौट रहे थे जब कार में सवार दो लोगों ने उनसे तंबाकू माँगी और ऑटो रोकने को कहा। चाचाजी ने ऑटो रोकी और उन्हें तंबाकू दे दिया। पर उन लोगों ने तंबाकू नहीं लिया।' ख़ुद गफ़्फ़ार अहमद ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,“
'उनमें से एक ने मुझे मोदी जिन्दाबाद का नारा लगाने को कहा, मैंने इनकार कर दिया तो मुझे ज़ोर का थप्पड़ मारा। मैंने वहां से भागने की कोशिश की तो उन लोगों ने गाड़ी से मेरा पीछा किया और जगमलपुर के पास मुझे रोक लिया।'
गफ़्फ़ार अहमद कछवा, निवासी, सीकर, राजस्थान
“
'उन लोगों ने मेरी दाढ़ी नोंच ली, मुझे लातों से मारा और मुझे ज़ोरदार धक्का दिया, जिससे मेरे 2-3 दाँत टूट गए। उन्होंने मुझे लाठियों से पीटा, मेरी बाईं आँख सूज गई, मेरे गाल और सिर पर चोट लगी।'
गफ़्फ़ार अहमद कछवा, निवासी, सीकर, राजस्थान
पाकिस्तान भेज देंगे
गफ़्फ़ार का कहना है कि उन लोगों ने सबकुछ करने के बाद कहा कि वे शांति से तभी बैठेंगे जब उन्हें यानी गफ़्फ़ार को पाकिस्तान भेज देंगे।गफ़्फ़ार अहमद की शिकायत पर पुलिस ने चोट पहुँचाने (धारा 323), ग़लत तरीके से रोके रखने (धारा 341) धार्मिक भावनाओं को आहत करने (धारा 504) के तहत मामला दायर कर लिया है।
गफ़्फ़ार अहमद कछवा को सीकर के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल किया गया है।
पहलू ख़ान
राजस्थान की यह पहली घटना नहीं है। वहाँ तकरीबन दो साल पहले अलवर ज़िले में गाय ले जा रहे पहलू ख़ान को बुरी तरह पीटा गया, बाद में उनकी मौत हो गई। जिस पहलू ख़ान को सड़क पर पीटे जाने का वीडियो सारी दुनिया ने देखा, उस मामले में कई साल मुक़दमा चलने के बाद पिछले साल अलवर की जिला अदालत ने सभी 6 अभियुक्तों को बरी कर दिया था। इस साल मार्च में दो नाबालिग दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गई थी।लुक़मान
पिछले हफ़्ते गो रक्षा के नाम पर दूसरों की जान लेने पर आमादा कथित गो रक्षकों ने राष्ट्रीय राजधानी से सटे गुरूग्राम में एक बार फिर हैवानियत का नंगा नाच दिखाया।कथित गो रक्षकों के एक समूह ने 8 किमी. पीछा करके एक पिक-अप ट्रक को रोक लिया। ट्रक के ड्राइवर लुकमान को खींचकर बाहर निकाला और इस शक में कि वह गो मांस सप्लाई कर रहा है, मारना शुरू कर दिया।
हैरानी की बात यह है कि इस दौरान वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों ने गो रक्षा के नाम पर गुंडई कर रहे इन लोगों को रोकने की कोशिश नहीं की।
अख़लाक
कथित गो रक्षकों की गुंडई का यह सिलसिला 2015 में ग्रेटर नोएडा में एक बुजुर्ग अख़लाक़ को पीट-पीटकर मार डालने से शुरू हुआ था। अखलाक़ को सिर्फ़ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया था क्योंकि कथित गो रक्षकों को इस बात का शक था कि उसके फ्रिज में गो मांस रखा है।#WATCH: One of the accused in September 2015 Mohd Akhlaq lynching case, Vishal Singh (bearded man in white shirt), was seen in a BJP rally in Bisada village yesterday. The rally was addressed by CM Yogi Adityanath. (31.03.2019) pic.twitter.com/QViy7LoUWV
— ANI UP (@ANINewsUP) April 1, 2019
पिछले साल जून में भी गुड़गाँव में ऐसी ही घटना हुई थी, जब कथित गो रक्षकों ने दो लोगों को पीटा था। गुड़गाँव, मेवात, पलवल, रेवाड़ी और फ़रीदाबाद में कथित गो रक्षकों ने समूह बनाया हुआ है।
पश्चिम बंगाल में भी पिछले साल कूचबिहार जिले में दो लोगों को चोरी की गाय को ट्रक पर चढ़ा कर ले जाने के शक में बुरी तरह पीटा गया था।
2019 में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में कथित गो रक्षकों द्वारा पशुओं को ख़रीद कर ला रहे 24 लोगों को बंधक बनाकर पीटा गया था। कथित गो रक्षकों ने इन लोगों से 'गो माता की जय' के नारे भी लगवाये थे।
अपनी राय बतायें