गहलोत पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि यहां क्या हो रहा था, कुछ नहीं हो रहा था लेकिन हमने कभी उनके (सचिन पायलट) योगदान के बारे में सवाल नहीं किया।’
गहलोत ने कहा, ‘सात साल के अंदर राजस्थान एक ऐसा अकेला राज्य था, जहां पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की बात नहीं की गई, न सीनियर ने और न किसी जूनियर ने। हम जानते थे कि निकम्मा है, नाकारा है, कुछ काम नहीं कर रहा है, खाली लोगों को लड़वा रहा है। मैं यहां बैगन बेचने नहीं आया हूं, मैं यहां सब्जी बेचने नहीं आया हूं। मुझे मुख्यमंत्री बनाया गया है।’
गहलोत ने कहा, ‘जो यह खेल अभी हुआ है, यह 10 मार्च को होता क्योंकि 19 मार्च को राज्यसभा चुनाव थे। लेकिन तब मैंने उस षड्यंत्र को एक्सपोज कर दिया।’
‘कॉरपोरेट घरानों से आ रहा है पैसा’
पुराने और अनुभवी नेता गहलोत ने कहा, ‘एआईसीसी का अध्यक्ष बनने के लिए बॉम्बे के कॉरपोरेट हाउस के लोग स्पॉन्सर कर रहे हैं, क्योंकि वो (सचिन पायलट) कॉरपोरेट मिनिस्टर रहे हैं। हरीश साल्वे लंदन से पैरवी कर रहे हैं। बीजेपी के खास चहेते मुकुल रोहतगी पैरवी कर रहे हैं। ये लोग लाखों रुपये फ़ीस लेते हैं। ये पैसा कहां से आ रहा है, यह पैसा कॉरपोरेट घरानों से आ रहा है।’
गहलोत ने कहा कि देश के कई कॉरपोरेट घराने मोदी जी को ख़ुश करने के लिए, बीजेपी को ख़ुश करने के लिए और कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे करीबियों के वहां इनकम टैक्स के छापे मारे गए।
गहलोत ने कहा, ‘देश के अंदर बहुत गुंडागर्दी चल रही है। सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी हो, ऐसा देश के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, तब जाकर देश का लोकतंत्र मजबूत हुआ था। जिस रूप में देश के अंदर यह खेल चल रहा है, उसमें लोकतंत्र को बचाने में मीडिया की भूमिका बहुत अहम है।’
विधायकों को बनाया बंधक
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सारा खेल बीजेपी खेल रही है, विधायकों के मोबाइल ले लिए गए हैं, उनको बंधक बना दिया गया। कई लोग आना चाहते हैं, रो रहे हैं।’
‘मुख्यमंत्री के पद को लेकर अड़े’
दूसरी ओर, ख़बरों के मुताबिक़, प्रियंका गांधी पायलट को इसके लिए मना रही हैं कि वह पार्टी छोड़ कर न जाएं और पार्टी उनकी शिकायतों को सुनेगी। हाल ही में आई एनडीटीवी की एक ख़बर के मुताबिक़, सचिन पायलट मुख्यमंत्री के पद की जिद को लेकर अड़ गए हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें एक साल के अंदर राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जाए और जब तक उनकी यह मांग नहीं मानी जाती, तब तक वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी नहीं मिलना चाहते।
एनडीटीवी के मुताबिक़, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के एक क़रीबी सूत्र ने यह बात कही है। सूत्र के मुताबिक़, पायलट चाहते हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर खुलकर घोषणा भी की जानी चाहिए।
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