राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के पीछे क्या पार्टी के बड़े नेताओं की आपसी लड़ाई जिम्मेदार है। बीते रविवार को जयपुर में हुए घटनाक्रम के बाद अब जो दो बातें सामने आई हैं उनसे कई तरह के गंभीर सवाल खड़े होते हैं। पहली बात यह है कि राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी और पार्टी महासचिव अजय माकन के दफ्तर का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कुछ लोगों के साथ बैठे हुए हैं।
दफ्तर में बैठा एक शख्स अजय माकन से कहता है कि जब भारत जोड़ो यात्रा निकल रही थी ऐसे वक्त में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ओवरस्मार्टनेस दिखाई। इस दौरान अभी संख्या और बढ़ेगी जैसा कुछ कहा जा रहा है। माकन भी इस बात पर जोर से हंसते हैं।
जबकि मनोरमा डेली नाम के अखबार में अशोक गहलोत के हाथ में मौजूद कागज की तस्वीर छपी है। कागज में लिखा हुआ है कि जो कुछ हुआ वह बहुत दुखद है और वह उस से आहत हैं। सचिन पायलट के पास 18 विधायक होने, उनके पार्टी छोड़ देने और बीजेपी के द्वारा पूर्व में हर विधायक को 10 करोड़ का ऑफर देने की बात भी लिखी गई है।
यह क्या रायता फैल रहा है माकन जी के दफ्तर में?
— Arvind Chotia (@arvindchotia) September 30, 2022
क्या कोई बता सकता है क्या षड्यंत्र चल रहे हैं?
कहीं कागज लीक हो रहे, कहीं वीडियो#RajasthanPoliticalCrisis pic.twitter.com/dbLrEIx66e
बात अगर अशोक गहलोत के हाथ में मौजूद कागज की हो, तो सवाल उठता है कि आखिर इस कागज की तस्वीर कैसे लीक हुई। क्या इसे जानबूझकर लीक किया गया।
कौन कर रहा लीक?
अहम सवाल यह है कि ऐसे नाजुक वक्त में जब कांग्रेस बहुत कमजोर हो चुकी है और सिर्फ 2 राज्यों में ही उसकी सरकार है और इसमें से भी एक राज्य में जबरदस्त लड़ाई चल रही है। ऐसे में इस तरह के वीडियो और तस्वीरों को कौन लीक कर रहा है। इनके सोशल मीडिया में आने से यही पता चलता है कि राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और इनके खेमों के बीच लगातार लड़ाई चल रही है।
राजस्थान में बीते रविवार को जब केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे विधायक दल की बैठक लेने जयपुर पहुंचे तो वहां जो कुछ हुआ, उससे निश्चित रूप से कांग्रेस हाईकमान की अच्छी खासी फजीहत हुई है।
माकन पर बोला हमला
इसके बाद कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल ने अजय माकन पर सीधा हमला बोला और कहा कि माकन यहां सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के मिशन के साथ आए थे। धारीवाल ने राजस्थान में भी पंजाब जैसा हाल हो जाने की बात कही। बताना होगा कि इस साल फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी और करारी हार मिली थी।
निश्चित रूप से अगर यह दो बड़े नेताओं की लड़ाई है तो इससे राज्य में सरकार चला रही कांग्रेस को ही जबरदस्त नुकसान होगा क्योंकि एक साल बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं। अगर यह लड़ाई जारी रही तो पार्टी को एक और राज्य में अपनी सत्ता गंवानी पड़ सकती है।
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