चुनाव नजदीक आते ही पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर घमासान तेज होता दिख रहा है। खाद्य आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु के बाद अब गृह मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है।
खबरों के मुताबिक़, रंधावा ने गृह मंत्रालय छोड़ने की पेशकश की है। इस बीच रविवार रात को पंजाब कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक बुलाई गई। इसमें भी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने गृह मंत्रालय छोड़ने की बात कही। लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मनाया।
एक निजी चैनल के साथ बातचीत में रंधावा ने कहा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका फैसला पार्टी के विधायक विधानसभा चुनाव के बाद करेंगे। रंधावा ने कहा कि रैलियों में उम्मीदवारों की घोषणा करना कांग्रेस का कल्चर नहीं है। भारत भूषण आशु ने भी कहा था कि सिद्धू को कांग्रेस का कल्चर सीखना चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस हाईकमान ने फैसला किया है कि किसी भी नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जाएगा और पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। लेकिन सिद्धू इससे सहमत नहीं दिखते जबकि प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ इस बारे में हाईकमान के फैसले के साथ हैं।
निश्चित रूप से चुनाव से ठीक पहले इस तरह का घमासान पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
यह कहा जा रहा है कि सिद्धू के बयानों से पार्टी को चुनाव में नुकसान हो सकता है। ऐसे में पार्टी नेता चुनाव में एकजुट दिखाई देंगे या नहीं यह एक बड़ा सवाल है।
हालांकि कांग्रेस हाईकमान लगातार पंजाब के मामलों पर ध्यान दे रहा है और राहुल गांधी पार्टी के बड़े नेताओं को दिल्ली बुलाकर उन्हें चुनाव की तैयारियों में जुटने का निर्देश दे चुके हैं।
कांग्रेस हाईकमान को डर है कि मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने से पार्टी नेताओं के बीच विवाद हो सकता है इसीलिए उसने चेहरा घोषित न करने का फैसला लिया है। लेकिन इसके बाद से ही सिद्धू के तेवर तल्ख हैं।
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