loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

आगे

कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय

पीछे

तरन तारन हमले में पाकिस्तान का हाथ: डीजीपी गौरव यादव

पंजाब के तरन तारन के सरहाली गांव में पुलिस थाने पर रॉकेट लॉन्चर के हमले के पीछे पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान का हाथ बताया है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रॉकेट लॉन्चर पड़ोसी देश पाकिस्तान से लाया गया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की इस तरह की हरकतों का पंजाब पुलिस, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियां मुंहतोड़ जवाब देंगी। 

डीजीपी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से लगातार ड्रोन से असलहा, नशा भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान या विदेशों में जो भी हैंडलर बैठे हुए हैं, उनके भारत में संबंधों की जांच की जा रही है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी कहा है कि सीमा पार से लगातार ड्रोन के जरिये नशा और हथियारों की तस्करी हो रही है। 

Rocket propelled grenade attacks Tarn Taran  - Satya Hindi

निश्चित रूप से पंजाब के डीजीपी का यह बयान बेहद अहम है क्योंकि पाकिस्तान लगातार इस तरह की नापाक हरकतों को अंजाम देता रहा है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर खालिस्तान समर्थकों को भड़काने और पंजाब का माहौल ख़राब करने के आरोप भी लगते हैं। 

प्रतिबंधित सिख संगठन सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इसकी जिम्मेदारी ली है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस पन्नू के द्वारा किए जा रहे दावे की पड़ताल करेगी और इस घटना के असली षड्यंत्रकर्ताओं को पकड़ेगी। 

ताज़ा ख़बरें

करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन

यहां पर साल 2019 में हुए करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन का जिक्र करना जरूरी होगा। साल 2019 में पाकिस्तान में स्थित करतारपुर गुरुद्वारे के कॉरिडोर को खोला गया था। यह गुरुद्वारा पाकिस्तान के नरोवाल जिले में है। तब पाकिस्तान की सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से करतारपुर गुरुद्वारे का जो थीम सॉन्ग रिलीज किया गया था उसमें तीन खालिस्तानी आतंकवादियों का पोस्टर भी दिखाया गया है, जिसमें रेफ़रेंडम 2020 लिखा गया था। 

वीडियो में दिखे पोस्टर में खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाला, अमरीक सिंह खालसा और मेजर जनरल शबेग सिंह थे। ये सभी खालिस्तानी आतंकवादी जून 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए थे।

Rocket propelled grenade attacks Tarn Taran  - Satya Hindi

उस दौरान सोशल मीडिया में इस तरह के वीडियो सामने आये थे जिनमें पंजाब के अंदर खालिस्तान आंदोलन को भड़काने और 2020 तक पंजाब में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई थी और सिख नौजवानों को भड़काने में विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकियों के साथ ही आईएसआई पर भी इसका आरोप लगा था।

विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकी पाकिस्तान, कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों में सक्रिय हैं और भारत में रहने वाले सिखों को अलग खालिस्तान देश के नाम पर भड़का रहे हैं।

पंजाब एक सरहदी सूबा है और इसकी 550 किमी. सीमा पाकिस्तान से लगती है। बीते साल हुए किसान आंदोलन के चलते पंजाब का सियासी पारा काफी हाई रहा था। किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों की घुसपैठ होने के आरोप केंद्र सरकार ने लगाए थे।

पंजाब में बीते कुछ महीनों में हुई घटनाओं को देखें तो यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है कि क्या पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद का दौर लौट रहा है। 

बता दें कि पंजाब लंबे समय तक उग्रवाद की चपेट में रहा और इस दौरान खालिस्तान के मुद्दे पर हजारों निर्दोष हिंदुओं-सिखों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 

सुधीर सूरी की हत्या

पंजाब में पिछले महीने बड़े हिंदू नेता सुधीर सूरी की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ ही दिन बाद फरीदकोट में बरगाड़ी बेअदबी मामले के आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी का नाम प्रदीप सिंह था और वह डेरे से जुड़ा था। 

पंजाब से और खबरें

खालिस्तान जिंदाबाद के नारे

6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की भर्ती पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। नारेबाजी करने वालों ने हाथों में अलगाववादी खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए थे और भिंडरावाले के समर्थन में नारे भी लगाए थे। इसके बाद उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च भी निकाला था।

इस वजह से भगवंत मान सरकार आलोचकों के निशाने पर है। जज के घर की दीवार के अलावा कई जगहों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे जा चुके हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय और पंजाब सरकार को पाकिस्तान की ओर से लगातार आ रही नशे और हथियारों की खेप पर रोक लगानी होगी और खालिस्तानी समर्थकों पर भी नकेल कसनी होगी वरना पंजाब में आतंकवाद के फिर से सिर उठाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें