पंजाब के तरन तारन के सरहाली गांव में एक पुलिस थाने पर रॉकेट लॉन्चर से हुए हमले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लंबे वक्त तक आतंकवाद के शिकार रहे पंजाब में कुछ ही महीनों के भीतर यह दूसरा रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड यानी आरपीजी हमला है। यह हमला शनिवार रात को 11 बजे हुआ। तरन तारन पाकिस्तान से लगता हुआ जिला है, इसलिए इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। इस मामले में यूएपीए की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
हालांकि अभी इस घटना में आतंकी एंगल होने की कोई बात पुलिस ने नहीं कही है लेकिन बीते कुछ महीनों में हुई घटनाओं से इसे जोड़कर देखें तो यह सवाल लोगों के मन में उठ रहा है कि क्या पंजाब में एक बार फिर आतंकवाद का दौर लौट रहा है।
पंजाब में पिछले कुछ महीनों के अंदर कई ऐसे वाकये हुए हैं जो आतंकवाद का दंश झेल चुके इस सरहदी सूबे के लिए कतई ठीक नहीं हैं। बता दें कि पंजाब लंबे समय तक उग्रवाद की चपेट में रहा और इस दौरान खालिस्तान के मुद्दे पर हजारों निर्दोष हिंदुओं-सिखों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रही है और इस बात की जांच कर रही है कि आखिर इस घटना के पीछे किन लोगों का हाथ है। आशंका जताई जा रही है कि पंजाब में माहौल खराब करने की कोशिश में जुटे लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। आरपीजी हमले में कोई घायल नहीं हुआ है।
हरविंदर सिंह रिंदा का गांव
सरहाली गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंदा का गांव है। रिंदा की कुछ दिन पहले पाकिस्तान में मौत हो गई थी।
मई में हरियाणा के करनाल में बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े चार आतंकवादियों को पकड़ा गया था। पुलिस को इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। तब यह बात सामने आई थी कि रिंदा ने ही पाकिस्तान से इन आतंकवादियों को ड्रोन के जरिए विस्फोटकों और हथियारों की सप्लाई की थी।
पाकिस्तान भेज रहा नशा, असलहा
प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इसकी जिम्मेदारी ली है। पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पुलिस इस मामले में गहन पड़ताल कर रही है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर से लगातार ड्रोन से असलहा, नशा भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान या विदेशों में जो भी हैंडलर बैठे हुए हैं, उनके भारत में संबंधों की जांच की जा रही है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस पन्नू के द्वारा किए जा रहे दावे की पड़ताल करेगी और इस घटना के असली षड्यंत्रकर्ताओं को पकड़ेगी।
इस साल मई में पंजाब पुलिस के मोहाली में स्थित खुफिया दफ्तर में भी धमाका हुआ था। यह धमाका भी रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड यानी आरपीजी के जरिये हुआ था।
क्या है आरपीजी?
रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड कंधे पर रखकर दागा जाने वाला मिसाइल हथियार है जो विस्फोटक वारहेड से लैस रॉकेट को लॉन्च करता है। अधिकांश आरपीजी किसी एक ही शख्स के द्वारा चलाए जा सकते हैं, और अक्सर टैंक-रोधी हथियारों के रूप में इनका उपयोग किया जाता है।
सुधीर सूरी की हत्या
पंजाब में पिछले महीने बड़े हिंदू नेता सुधीर सूरी की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ ही दिन बाद फरीदकोट में बरगाड़ी बेअदबी मामले के आरोपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपी का नाम प्रदीप सिंह था और वह डेरे से जुड़ा था।
कानून व्यवस्था पर सवाल
सत्ता संभालने के आठ महीने के कार्यकाल में ही आम आदमी पार्टी की सरकार को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है। नशे के कारण लगातार हो रही रही मौतों, पाकिस्तान से आ रही नशे और हथियार-बारूद की खेप, हिंदू-सिख संगठनों के बीच झड़प, पंजाब में खुफिया विभाग के दफ्तर पर हमला और सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कारण पंजाब में माहौल बेहद संवेदनशील है।
अदालत परिसर में धमाका
पिछले साल दिसंबर में लुधियाना में एक अदालत के परिसर में बम धमाका हुआ था। धमाके में एक शख्स की मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हो गए थे। तब खुफिया एजेंसियों ने पंजाब सरकार को चेताया था कि पंजाब में इस तरह के और हमले हो सकते हैं। पंजाब को कश्मीर से भी ज्यादा नाजुक बताया गया था।
इस मामले में अभियुक्त और आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया को एनआईए ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट से हुई थी। हरप्रीत सिंह पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है और उस पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा गया था।
आईएसआई की नजर
पंजाब एक सरहदी सूबा भी है और इसकी 550 किमी. सीमा पाकिस्तान से लगती है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर यह आरोप लगता रहा है कि वह पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश में जुटी रहती है। बीते साल हुए किसान आंदोलन के चलते पंजाब का सियासी पारा काफी हाई रहा था। किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों की घुसपैठ होने के आरोप केंद्र सरकार ने लगाए थे।
खालिस्तान जिंदाबाद के नारे
6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की भर्ती पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। नारेबाजी करने वालों ने हाथों में अलगाववादी खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए थे और भिंडरावाले के समर्थन में नारे भी लगाए थे। इसके बाद उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च भी निकाला था।
इस वजह से भगवंत मान सरकार आलोचकों के निशाने पर है। जज के घर की दीवार के अलावा कई जगहों पर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे जा चुके हैं।
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