पंजाब कांग्रेस का अंतरकलह तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं थम रहा है। राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रज़िया सुलताना ने शपथ ग्रहण के दो दिन बाद ही मंगलवार को पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
वे चरणजीत सिंह चन्नी सरकार में अकेली मुसलमान मंत्री थीं।
वे मलेरकोटला से विधायक हैं और उनके पति मुहम्मद मुस्तफ़ा नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधान सलाहकार हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के बाद रज़िया सुलताना ने भी इस्तीफ़ा दे दिया। समझा जाता है कि उन्होंने सिद्धू के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पद छोड़ा है।
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,
“
सिद्धू साहब सिद्धान्तों वाले व्यक्ति हैं। वे पंजाब और पंजाबियत के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
रज़िया सुलताना, विधायक, कांग्रेस
SO PROUD OF MY WIFE RAZIA SULTANA FOR HER PRINCIPLED DECISION TO RESIGN IN THE BEST INTEREST OF CONG AND ITS LEADERSHIP, ON PARTICULAR RAHUL GANDHI, OUR BENEFACTOR pic.twitter.com/XuNZtFyuG5
— MOHD MUSTAFA, FORMER IPS (@MohdMustafaips) September 28, 2021
जब अमरिंदर सिंह सरकार में 2017 में उन्हें मंत्री बनाया गया था तो तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतने वाली रज़िया सुल्तान ने सिख बहुल पंजाब की पहली मुसलमान मंत्री होने का रिकॉर्ड बनाया था।
अमरिंदर सिंह की पहली सरकार में 50 वर्षीया रज़िया सुल्तान मुख्य संसदीय सचिव थीं।
पंजाब में मुख्य संसदीय सचिव को राज्य मंत्री का दर्जा हासिल होता है, लेकिन उसके पास मंत्री का कोई अधिकार नहीं होता है।
बता दें कि नवोजत सिंह सिद्दधू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा मंगलवार को दे दिया। उन्होंने कहा है कि वह कुछ चीजों से समझौता नहीं कर सकते हैं क्योंकि इससे व्यक्तित्व ख़त्म हो जाता है। उन्होंने इसमें यह भी साफ़ किया है कि वह किस चीज से समझौता नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने लिखा कि वह पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याण के एजेंडे से समझौता नहीं कर सकते हैं।
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