पटियाला हिंसा के मुख्य आरोपी और मुख्य साजिशकर्ता बरजिंदर सिंह परवाना को पुलिस ने रविवार सुबह मोहाली से गिरफ्तार कर लिया। उस पर पटियाला में झड़प के मुख्य साज़िशकर्ता होने का आरोप है। वह एक सिख मदरसा दमदमी टकसाल जत्था राजपुरा का स्वयंभू प्रमुख है।
परवाना के ख़िलाफ़ चार प्राथमिकी दर्ज हैं। उसके ख़िलाफ़ पहले दर्ज मामलों में हत्या का प्रयास, हथियार अधिनियम, धमकी जारी करना और आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करना शामिल है।
उसकी गिरफ़्तारी पटियाला में शुक्रवार को काली माता मंदिर के बाहर हिंसा में हुई है। तब दो समूहों के बीच हुई एक रैली में तलवारें लहराने और एक दूसरे पर पथराव करने के बाद तनाव हो गया था। उस घटना में दो पुलिसकर्मियों सहित चार लोग घायल हो गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार पटियाला पुलिस की टीम ने रविवार सुबह मोहाली एयरपोर्ट से बरजिंदर सिंह परवाना को गिरफ्तार किया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार आरोपी को मुंबई से फ्लाइट से सुबह 7.20 बजे मोहाली एयरपोर्ट पर लाया गया। इंस्पेक्टर शमिंदर सिंह के नेतृत्व में सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी की पटियाला टीम ने उसे गिरफ्तार किया।
पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में छह प्राथमिकी दर्ज की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आईजी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी- हरीश सिंगला, कुलदीप सिंह दंथल और दलजीत सिंह हैं।
कौन है परवाना?
राजपुरा में दमदमी टकसाल जत्थे के एक स्वयंभू प्रमुख बरजिंदर सिंह परवाना का अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर सिख आतंकवादियों को बढ़ावा देने का इतिहास रहा है। वह अक्सर सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के पक्ष में वीडियो और बयान प्रकाशित करता रहा है। परवाना धार्मिक प्रवचन देता रहा है। शिवसेना नेता सुधीर सूरी द्वारा उसके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे जुलाई 2021 में भी मोहाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
29 अप्रैल को हिंसा वाले दिन से पहले लिए गए एक वीडियो में परवाना लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काते नज़र आ रहा है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार वीडियो में परवाना कहता है, 'अगर कोई खालिस्तान के खिलाफ कुछ भी कहता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम किसी भी हद तक जाएंगे, चाहे वह कानून के मानकों के भीतर हो या कानून से परे हो। खालिस्तान से हमारी धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पांच से सात साल के बच्चों में भी यही भावना होती है। कोई हमें इससे (खालिस्तान) कैसे वंचित कर सकता है?'
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इसी बीच पटियाला में हिंसा 29 अप्रैल को तब हुई थी जब स्थानीय शिवसेना नेताओं द्वारा खालिस्तान विरोधी रैली के दौरान दो समूह आपस में भिड़ गए थे।
पंजाब लंबे वक्त तक सिख आतंकवाद की चपेट में रहा है और हजारों मासूम लोगों को इस वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी है। पंजाब की शांति और भाईचारे के लिए जरूरी है कि राज्य में कानून और व्यवस्था बेहतर हो। क्योंकि राज्य से आए दिन हिंदू और सिख संगठनों के बीच में झड़प होने की खबरें आती रहती हैं और सोशल मीडिया पर भी इनके समर्थक लगातार एक-दूसरे से उलझते रहते हैं।
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