क्या पंजाब में इतिहास खुद को दोहराने की राह पर है? क्या खालिस्तानी फिर से अपनी जड़ मज़बूत कर रहे हैं और 'काले दौर' की वापसी का डर है? जानिए, अमृतसर में आज के हमले का संकेत क्या है।
पंजाब में मोहल्ला क्लिनिक ग्रामीण हेल्थ सिस्टम के कर्मचारियों को मोहल्ला क्लिनिक में ट्रांसफर किए जाने की कीमत पर खोले जा रहे हैं। गांवों में सरकारी डिस्पेंसरी पर ताले पड़ गए हैं। गांवों में इसका जमकर विरोध हो रहा है।
पंजाब को दिल्ली से नहीं चलाया जा सकता। यह जुमला हाल ही में राहुल गांधी ने उस समय कहा था जब वो पंजाब में भारत जोड़ो यात्रा के साथ पहुंचे थे। लेकिन हाल ही में जिस तरह अफसरों के तबादले किए गए, उससे यही तस्वीर उभरी कि पंजाब को दिल्ली से चलाया जा रहा है। पंजाब की आप सरकार स्वतंत्र निर्णय नहीं ले पा रही है।
पंजाब की फिजा में फिर से जहर घोला जा रहा है। फिर से अलगाववाद की बातें चल पड़ी हैं। भिंडरावाले की पोशाक में एक नया चेहरा उभर रहा है अमृतपाल सिंह। आखिर कौन है यह शख्स, इसकी गतिविधियां क्या हैं। जानिएः
पंजाब में अपनी राजनीतिक जमीन के लिए संघर्ष कर रहे शिरोमणि अकाली दल ने क्या अपनी रणनीति बदल ली है? आख़िर सुखबीर सिंह बादल कट्टरपंथियों के क़रीब क्यों दिखने लगे हैं?
पंजाब में 'भारत जोड़ो यात्रा' के गुजरने के दौरान ही मनप्रीत सिंह बादल के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के क्या मायने हैं? जानिए वह किस वजह से बीजेपी में शामिल हुए।
पंजाब के किसानों का संघर्ष रंग लाया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन की घोषणा के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने आज मंगलवार दोपहर को जीरा की शराब फैक्ट्री को बंद करने का आदेश जारी किया। इस शराब फैक्ट्री के प्रदूषित पानी से किसानों की फसल तबाह हो रही थी।
संतोख सिंह चौधरी को यात्रा में चलते हुए अचानक दिल का दौरा पड़ा। चौधरी को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह जालंधर लोकसभा सीट से सांसद थे।
आईएएस अफसर नीलिमा के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है जबकि पीसीएस अफसर नरेंद्र सिंह धालीवाल को गिरफ्तार किया है। इसे लेकर राज्य सरकार और आईएएस-पीसीएस अफसरों के बीच टकराव के हालात बन गए थे।
पंजाब सरकार के राजनीतिक नेतृत्व और अफ़सरशाही के बीच आख़िर क्यों ठनी हुई है? पीसीएस अधिकारी आख़िर सामूहिक छुट्टी पर क्यों चले गए? जानिए, क्या हालात हैं।
डॉ. बलबीर सिंह को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण महकमा दिया गया है। अभी तक यह मंत्रालय चेतन सिंह जोड़ामाजरा के पास था। जोड़ामाजरा को फौजा सिंह सरारी के सभी मंत्रालय दे दिए गए हैं।
पंजाबी दैनिक अजीत और अजीत समाचार को मिलने वाले सरकारी विज्ञापन बंद करने के बाद 'पंजाबी ट्रिब्यून' के साथ भी भगवंत मान सरकार ने ऐसा ही किया है। क्या ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि इन्होंने मान सरकार को सच का आईना दिखाया है।