केजरीवाल अपने भाषणों में कई बार भगवंत मान की जमकर तारीफ कर चुके हैं। लेकिन अब तक सवाल यही उठता था कि आखिर वह भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के तौर पर आगे क्यों नहीं कर रहे हैं।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि बीजेपी उनके पार्षदों को लालच देकर खरीदने की कोशिश कर रही है। शायद इसी को देखते हुए केजरीवाल ने पार्षदों को पार्टी से गद्दारी न करने की शपथ दिलाई है।
देखना होगा कि कांग्रेस हाईकमान के किसी भी नेता को चेहरा ना बनाने के फैसले का क्या कोई असर पंजाब में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान पर पड़ता है या नहीं।
देखना होगा कि केजरीवाल पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बना पाते हैं या नहीं। चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव में मिली जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के हौसले जरूर बुलंद हैं।
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे आगे रही है। जबकि बीजेपी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। पंजाब के विधानसभा चुनाव से पहले इन नतीजों को बेहद अहम माना जा रहा है।
पंजाब में पिछली बार कांग्रेस को अच्छी कामयाबी मिली थी लेकिन इस बार पार्टी के अंदर चल रहे झगड़ों, अमरिंदर सिंह की बगावत और किसानों के मैदान में उतरने के कारण उसके सामने चुनौतियां बेहद ज्यादा हैं।