पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शायद हाईकमान की ओर से दी गई हिदायतों को भी नहीं मानना चाहते। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को दिल्ली बुलाया था और चुनावी तैयारियों में जुटने का निर्देश दिया था।
लेकिन सिद्धू ने रविवार को फिर से कुछ ऐसा कहा है जो हाईकमान को नाराज़ कर सकता है।
सिद्धू ने एक कार्यक्रम में कहा, “इस सिस्टम में अच्छे इंसान को शोपीस बनाकर रख दिया जाता है। उसे केवल चुनाव जीतने के लिए प्यादा बनाया जाता है और चुनाव प्रचार के बाद शो पीस बना दिया जाता है। मैं शोपीस बनकर नहीं रहूंगा और न ही सत्ता में आने के लिए झूठ बोलूंगा।”
सिद्धू के इस बयान को कांग्रेस हाईकमान के साथ ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी हमला माना जा रहा है क्योंकि सिद्धू ने यह बात इस सवाल के जवाब में कही कि अगर कांग्रेस चुनाव जीतकर फिर से सरकार बनाती है तो क्या उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा?
हालांकि सिद्धू ने यह भी कहा कि वह राहुल और प्रियंका गांधी का साथ नहीं छोड़ेंगे। लेकिन ऐसे साथ का क्या फ़ायदा जब चुनाव से ठीक पहले सिद्धू चुनाव में जुटने के बजाए पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दें।
बीते दिनों में मुख्यमंत्री चन्नी की ओर से किए गए वादों को लेकर भी सिद्धू बिना नाम लिए उन पर हमला कर चुके हैं।
सिद्धू के पर कतरे
शनिवार को ही सिद्धू ने एक रैली में कहा था कि अध्यक्ष के तौर पर उनके पास इतनी ताक़त भी नहीं है कि वे महासचिवों को नियुक्त कर सकें। हाल ही में कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू के द्वारा बनाए गए 22 जिला अध्यक्षों के नामों को खारिज कर दिया था। इसका मतलब यही निकाला गया कि हाईकमान ने सिद्धू के पर कतर दिए हैं।
सिद्धू ने हाईकमान की ओर इशारा करते हुए कुछ महीने पहले कहा था कि अगर आप मुझे फ़ैसले नहीं लेने देंगे तो मैं ईंट से ईंट बजा दूंगा और दर्शनी घोड़ा बने रहने से कोई फ़ायदा नहीं है।
सिद्धू ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल पर बैठने का एलान किया था और सुनील जाखड़ को लेकर भी टिप्पणी की थी। निश्चित रूप से सिद्धू की इन हरकतों से कांग्रेस हाईकमान भी परेशान है।
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