26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले के मुख्य अभियुक्त लक्खा सिढाणा की तलाश में दिल्ली पुलिस पंजाब में छापेमारी कर रही है लेकिन लक्खा पंजाब में रैली कर रहा है। उसने रैली के मंच से दिल्ली पुलिस और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को ललकारा भी है।
मंगलवार को पंजाब के बठिंडा के मेहराज गांव में हुई युवा महापंचायत में लक्खा मंच पर दिखा। यह महापंचायत दिल्ली के बॉर्डर्स पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में रखी गई थी। गैंगस्टर से नेता बने लक्खा के साथ रैली के मंच पर एक और गैंगस्टर कुलबीर सिंह नरौना दिखाई दिया। लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा है।
दिल्ली हिंसा मामले में अब तक पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू, इक़बाल सिंह और लाल क़िले से तलवार लहराने वाले मनिंदर सिंह को गिरफ़्तार किया जा चुका है। दीप सिद्धू को हरियाणा के करनाल से, इक़बाल सिंह को पंजाब के होशियारपुर से और मनिंदर सिंह को दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था।
पुलिस का घेराव करने को कहा
रैली में लक्खा ने मंच से कहा, “मैं दिल्ली पुलिस को चुनौती देता हूं कि वह पंजाब में आए और युवाओं को गिरफ़्तार करे। अगर वह यहां किसी को गिरफ़्तार करने आती है तो आप लोगों को पुलिस का घेराव करना चाहिए और अगर वे किसी को गिरफ़्तार करते हैं तो यह पंजाब पुलिस की मदद के बिना नहीं हो सकता और इसके लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह जिम्मेदार होंगे।”
मेहराज गांव पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के गांव के बगल में है। लक्खा का अपना गांव मेहराज से सिर्फ़ 6 किमी दूर है। ऐसे में वह रैली के बाद कहां चला गया, यह एक बड़ा सवाल है। सवाल यह भी है कि जिस शख़्स पर दिल्ली पुलिस ने 1 लाख रुपये के इनाम का एलान किया है, वह खुलेआम रैली कर रहा है, घूम रहा है और पुलिस की गिरफ़्त से आख़िर कैसे बाहर है।
लक्खा का इस रैली में युवाओं ने जबरदस्त स्वागत किया और जब वह कार्यक्रम से गया तब भी उसके पीछे हुजूम उमड़ा। वह यहां 30 मिनट तक रुका।
लक्खा ने ही बुलाई थी महापंचायत
हैरानी की बात है कि लक्खा ने ख़ुद ही यह युवा महापंचायत बुलाई थी। 20 फरवरी को एक वीडियो जारी कर उसने सभी से इसमें आने की अपील की थी। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्हें इस बात का पता था कि लक्खा इस महापंचायत में आएगा और उन्होंने उसे पकड़ने के लिए कड़े इंतजाम भी किए थे। लेकिन उन्हें लक्खा के वहां आने का पता मंगलवार शाम को तब चला जब उसके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उसका वीडियो अपलोड किया।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जब यह महापंचायत हो रही थी, तब दिल्ली पुलिस बठिंडा जिले में ही थी।
और महापंचायत करने का एलान
लक्खा ने अपने भाषण में युवाओं से 26 फ़रवरी को सिंघु, टिकरी और दिल्ली के अन्य बॉर्डर्स पर जाने की अपील की। इस दिन किसान संयुक्त मोर्चा ने युवा किसान दिवस मनाने की अपील की है। लक्खा ने युवाओं से कहा कि ये लड़ाई पंजाब के हक़ और वजूद की है। उसने एलान किया कि वह बहुत जल्द पंजाब के दूसरे इलाक़ों में भी इसी तरह की महापंचायतें करेगा।
लक्खा ने किसान आंदोलन के बड़े नेता बलबीर सिंह राजेवाल से पूछा कि वह 26 जनवरी को हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दीप सिद्धू और उसके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने के बाद भी चुप क्यों रहे। हिंसा के बाद से ही संयुक्त किसान मोर्चा ने दीप सिद्धू और लक्खा से दूरी बना ली थी।
लक्खा ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि वह हमारी आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है जिससे हम दिल्ली के बॉर्डर्स पर जाना बंद कर दें लेकिन ऐसा नहीं होगा।
कौन है लक्खा सिढाणा?
लक्खा सिढाणा पर पंजाब में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। लक्खा सिढाणा का नाम लखबीर सिंह है। लक्खा सिढाणा गैंगस्टर से राजनेता बना है। जवानी के दिनों में कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी और डबल एमए करने वाला लक्खा आखिर कैसे ज़रायम की दुनिया में आ गया, इस बारे में जानते हैं।
जवानी के दिनों में लक्खा पर ज़रायम की दुनिया का बादशाह बनने का ऐसा शैतान सवार हुआ कि उसने छोटे-मोटे झगड़ों और आपराधिक वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने गुरबीर सिंह गोल्डी नाम के शख़्स को कचहरी में गोली मार कर उसकी हत्या कर दी। इस अपराध में जब वह जेल गया तो युवाओं के बीच चर्चा में आ गया।
जेल से निकलने के बाद वह अकाली दल के एक बड़े नेता के संपर्क में आया। इसी नेता के सहारे आगे बढ़ते हुए वह अपराध की दुनिया से सियासत में भी आ गया। 2012 में उसने मनप्रीत सिंह बादल की पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा और 10 हज़ार वोट हासिल किए। इसके बाद भी उसने ज़मीनों पर कब्जे करने से लेकर कई काम कर पैसे कमाए। लक्खा पर दो बार जानलेवा हमला भी हो चुका है लेकिन वह बच गया।
लक्खा ख़ुद बताता है कि नेताओं ने उसका इस्तेमाल किया, बूथों पर कब्जे करवाए, लोगों से मारपीट करने सहित कई ग़लत काम करवाए। वह कहता है कि ये अपराध जवानी के जोश में वह कर गया लेकिन कुछ साल बाद उसे अहसास हुआ कि यह रास्ता ग़लत है और उसने ज़रायम के इस रास्ते को छोड़ दिया।
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