कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड निकालने का एलान किया है लेकिन पंजाब में काफी लोग अभी से दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। जबकि हरियाणा में 20 जनवरी से दिल्ली के लिए कूच करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
हरियाणा के किसान संगठनों ने कहा है कि राज्य के 7 हज़ार गांवों से 1 लाख ट्रैक्टरों की भागीदारी होगी। बीते कुछ दिनों से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान ट्रैक्टर परेड को लेकर जोरदार तैयारियां चल रही हैं और लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है।
सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान नेता सुरेश कोठ ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि हर गांव से 20 ट्रैक्टर और हर ट्राली में 200 लोग दिल्ली के लिए कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े गांवों से 150-200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की भागीदारी होगी। शुक्रवार को भी हरियाणा के सिरसा और फतेहाबाद जिलों से 500 वाहनों ने टिकरी बॉर्डर के लिए कूच किया।
किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष मंदीप नथावन ने कहा कि यह आंदोलन देश का राजनीतिक माहौल बदल देगा क्योंकि इसमें किसानों के साथ ही मजदूर और कामकाजी वर्ग भी जुड़ गया है। उन्होंने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा, ‘कई गांवों से हर दिन लोग आंदोलनकारियों के लिए खाने का सामान लेकर दिल्ली जा रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान अब दूध बेच नहीं रहे हैं बल्कि इसे आंदोलनकारियों को दे रहे हैं।’
किसान आंदोलन और कमेटी पर देखिए वीडियो-
उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस परेड में हिंसा का माहौल बनाना चाहते हैं लेकिन हम लोगों को लगातार शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए जागरूक कर रहे हैं।
किसानों ने 7 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालकर केंद्र सरकार को अपनी ताक़त और एकजुटता का अहसास कराया था। तब किसानों ने कहा था कि यह रैली 26 जनवरी को होने वाली किसान ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल के तौर पर निकाली गई है।
पंजाब में सजाए जा रहे ट्रैक्टर
पंजाब में किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारियों के वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहे हैं। ट्रैक्टर्स में लाइट लगाकर इन्हें ख़ूबसूरत बनाया गया है। पंजाब के सभी जिलों से ट्रैक्टर्स का जत्था दिल्ली के लिए कूच करने को तैयार है और कई जिलों से धीरे-धीरे करके लोग दिल्ली पहुंच रहे हैं।
‘अभी नहीं तो कभी नहीं’
पंजाब के किसान संगठनों का भी कहना है कि वे पूरे तरीक़े से 20 जनवरी से ट्रैक्टर्स और आम लोगों को दिल्ली के लिए रवाना कर देंगे। एनडीटीवी के मुताबिक़, पंजाब में गुरुद्वारों से की जा रही अपील में कहा जा रहा है, ‘अगर हम अभी नहीं जाते हैं तो हमें फिर कभी यह मौक़ा नहीं मिलेगा। यह हमारे हक़ की लड़ाई है।’
शामिल न होने पर लगेगा जुर्माना
हर गांव से ज़्यादा से ज़्यादा ट्रैक्टर और लोगों को दिल्ली भेजने की कोशिश की जा रही है और इसके लिए गली-गली में अभियान चलाया जा रहा है। किसान संगठनों ने फ़ैसला किया है कि जो लोग इस परेड में शामिल नहीं होंगे, उन पर 2100 रुपये का जुर्माना लगेगा। अगर वे यह जुर्माना नहीं देते हैं तो उन्हें सामाजिक बहिष्कार का सामना करना होगा।
न्यूज़ीलैंड में बतौर आईटी प्रोफेशनल काम करने वाले जतिंदर पाल सिंह ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि राज्य से कम से कम 1 लाख ट्रैक्टर ट्रालियों के दिल्ली कूच करने की तैयारी है। पाल ने कहा कि यह संख्या बहुत अधिक भी हो सकती है क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इस परेड में आने के इच्छुक हैं।
13 जनवरी को लोहड़ी वाले दिन पंजाब के कई जिलों में कृषि क़ानूनों की कॉपियों को जलाया गया। इस दौरान भी लोगों से दिल्ली की किसान ट्रैक्टर परेड में चलने की अपील की गई।
बीते 50 दिनों के दौरान सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हुई और यह बेनतीजा रही। अब 19 जनवरी को एक बार फिर किसान और सरकार आमने-सामने बैठेंगे। लेकिन जिस तरह दोनों अपनी बात पर अड़े हैं, उसमें 26 जनवरी से पहले इस मसले का हल निकलना मुश्किल दिख रहा है।
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