पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के एक और बड़े नेता ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कई बार के विधायक जोगिंदर सिंह मान ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। यह लगभग तय है कि आम आदमी पार्टी उन्हें फगवाड़ा सीट से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
इससे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह, विधायक फतेह जंग बाजवा सहित कुछ और बड़े नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
जोगिंदर सिंह मान ने पार्टी छोड़ते वक्त पंजाब कांग्रेस के बड़े नेताओं पर भी हमला बोला। मान ने कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से फगवाड़ा को जिला बनाने की मांग करते रहे लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया।
मान का जाना पार्टी के लिए इसलिए झटका है क्योंकि पार्टी इस बार पंजाब में दलित वोटों का बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है।
दलित मतदाताओं से उम्मीद
कांग्रेस को उम्मीद है कि क्योंकि उसने पंजाब में पहली बार दलित समाज के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाया है इसलिए पंजाब का दलित मतदाता उसे वोट देगा।
पंजाब में 32 से 35 फीसद दलित मतदाता हैं और दोआबा के इलाके में इस समुदाय की एक बड़ी आबादी है। बीते चुनाव में कांग्रेस को दोआबा की 23 में से 15 सीटों पर जीत मिली थी। इसके अलावा माझा इलाके में भी वह 25 में से 22 सीटें जीतने में सफल रही थी।
तमाम चुनावी सर्वे इस बात को कह रहे हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सबसे ज्यादा सीटें जीत सकती है।
पंजाब में एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है और बाकी राज्यों के साथ 10 मार्च को चुनाव के नतीजे आएंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 117 सीटों वाले पंजाब में 77 सीटों पर जीत मिली थी जबकि आम आदमी पार्टी को 20, शिरोमणि अकाली दल को 15 और बीजेपी को 3 सीटों पर जीत मिली थी।
लेकिन इस बार हालात अलग हैं क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी के साथ हैं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सियासी झगड़ा जोरों पर है।
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