फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी समेत अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों के बंद के आह्वान पर सोमवार को पंजाब में बंद का व्यापक असर हुआ। हालाँकि, आपातकालीन सेवाएँ खुली रहीं।सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक चले बंद के दौरान राज्य में 250 से अधिक स्थानों पर सड़कें जाम की गईं और ट्रेनें रोकी गईं।
वंदे भारत समेत 172 रेल सेवाएं रद्द कर दी गईं और 232 प्रभावित हुईं। अनुमान है कि रेलवे को लाखों का राजस्व नुकसान हुआ है। उद्योगों को भी इकाइयों का संचालन न करने या आंशिक रूप से संचालन करने के कारण करोड़ों का नुक़सान हुआ है। बंद का आह्वान किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के समर्थन में किया गया था जो किसानों की मांगों को लागू करने की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं।
Amid Punjab Bandh call by farmers!
— Akashdeep Thind (@thind_akashdeep) December 30, 2024
The ISSER road (Mohali) going towards the airport road is blocked by the farmers, “Farmer union leaders embarks a chakka jam on roads and rail lines from 7 am to 4 pm. . Only emergency vehicles, such as ambulances, marriage vehicles, or anyone… pic.twitter.com/lVzdbkVY1t
Punjab farmers block roads, across the state, as part of their Punjab Bandh call already given by the farm unions. @Tveer_13 pic.twitter.com/lOTb7RsYNH
— karamprakash (@karamprakash6) December 30, 2024
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को पंजाब सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों के खिलाफ अपनी शक्ति का "दुरुपयोग" न करें और इसके बजाय उनकी मांगों को लेकर उनकी लड़ाई में उनका समर्थन करें।
अपनी मांगों पर पंढेर ने कहा, "एमएसपी गारंटी देश की अर्थव्यवस्था और उसके किसानों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हमारी मांगों में ऋण माफी, नरेगा के तहत 200 दिन का काम, मजदूरों के लिए 700 रुपये की दैनिक मजदूरी और कार्यान्वयन भी शामिल है।" संविधान की पांचवीं अनुसूची।”
अपनी राय बतायें