कांग्रेस हाईकमान पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ शुक्रवार को कार्रवाई कर सकता है। कांग्रेस की अनुशासन संबंधी मामलों की कमेटी की बैठक शुक्रवार को होगी और इसमें सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
कुछ दिन पहले ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिखा था। इस पत्र में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग की सिद्धू को लेकर दर्ज की गई आपत्तियों को भी शामिल किया गया था।
अनुशासनात्मक कमेटी की ओर से सिद्धू को नोटिस जारी कर उनसे इस बारे में जवाब मांगा जा सकता है। सिद्धू के खिलाफ इस बात की शिकायत है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान खुद को पार्टी से ऊपर दिखाने की कोशिश की।
उधर, सिद्धू ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि वह अपने खिलाफ उठ रही आवाजों को बहुत खामोशी से सुनते हैं और उन्होंने जवाब देने का हक वक्त को दे रखा है।
पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी के सोनिया गांधी को लिखे पत्र के बाद साफ हो गया था कि कांग्रेस हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को ज्यादा बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। नए प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के द्वारा कार्यभार संभालने के मौके पर सिद्धू पार्टी मुख्यालय में तो पहुंचे लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
बीते दिनों में सिद्धू ने कांग्रेस से निकाले गए कई नेताओं के साथ बैठक की है और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी अपनी नजदीकी दिखाई है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनाव नतीजों के बाद कहा था कि पंजाब में कांग्रेस 5 साल तक चले माफिया राज की वजह से हारी और इस माफिया राज में मुख्यमंत्री भी शामिल थे।
सिद्धू विधानसभा चुनाव से पहले भी कई बार तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ खुलकर नाराजगी जाहिर करते रहे और कई बार उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने की धमकी भी दी थी।
मिली करारी हार
पंजाब के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तो करारी हार हुई ही, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अपनी दोनों सीटों से और नवजोत सिंह सिद्धू भी अपना चुनाव हार गए। चुनाव में हार की असली वजह गुटबाजी और सिद्धू की बयानबाजी को माना गया। सिद्धू लगातार कुछ न कुछ ऐसा कहते रहे जिससे कांग्रेस की मुश्किलें पंजाब के अंदर बढ़ गईं।जब अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे तो पहले सिद्धू ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया और उनकी विदाई के बाद वह चरणजीत सिंह चन्नी पर हमलावर हो गए।
सिद्धू चाहते थे कि कांग्रेस पंजाब के विधानसभा चुनाव में उन्हें अपना चेहरा बनाए लेकिन पार्टी ने जब चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मोहर लगाई तो इसे लेकर सिद्धू खासे नाराज दिखाई दिए।
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