चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी सबसे आगे रही है। जबकि बीजेपी दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। पंजाब के विधानसभा चुनाव से पहले इन नतीजों को बेहद अहम माना जा रहा है।
आम आदमी पार्टी को 14 वार्डों में जीत मिली जबकि बीजेपी ने 12 और कांग्रेस ने 8 वार्डों में जीत हासिल की है। अकाली दल को एक वार्ड में जीत मिली है। चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 वार्ड हैं।
नगर निगम के पिछले चुनाव में बीजेपी को 20 वार्डों में जीत मिली थी और वह सबसे बड़ा दल बनकर उभरी थी। इस हिसाब से इस बार उसका प्रदर्शन ख़राब रहा है। हालांकि कांग्रेस को सबसे ज़्यादा 29.79% वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को 29.30% और आम आदमी पार्टी को 27.08% वोट मिले हैं।
आम आदमी पार्टी के शानदार प्रदर्शन पर पार्टी के पंजाब सह प्रभारी और दिल्ली के विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि यह ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाक़ी है।
हालांकि चंडीगढ़ का मिजाज पंजाब से अलग है। यहां बड़ी संख्या में सरकारी अफ़सर रहते हैं और दो राज्यों की राजधानी होने के कारण यहां पंजाब के चुनावी मुद्दे बहुत ज़्यादा हावी नहीं रहते।
कुछ चुनावी सर्वेक्षणों में इस बात को कहा गया है कि पंजाब में इस बार आम आदमी पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभर सकती है। इसके बाद से ही पंजाब में पार्टी के कार्यकर्ता जोश से लबरेज हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का एलान न होने से पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान के समर्थक निराश हैं। लेकिन चंडीगढ़ नगर निगम के नतीजों ने पार्टी को चुनाव से पहले ज़रूर बूस्टर डोज दे दी है।
किसान भी मैदान में
दूसरी ओर, किसानों ने भी चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है। किसानों का कहना है कि वह पंजाब की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और उनका आम आदमी पार्टी से गठबंधन होने की बात भी कही जा रही है। किसानों ने अपनी पार्टी का नाम संयुक्त समाज मोर्चा रखा है और बड़े किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल इसका चेहरा होंगे।
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