loader

कश्मीर से ज़्यादा नाजुक है पंजाब, ख़ुफ़िया एजेंसियों ने चेताया 

ख़ुफ़िया एजेंसियों ने चेताया है कि पंजाब में और आतंकी हमले हो सकते हैं। एजेंसियों ने राज्य की पुलिस से कहा है कि वह चुस्त-दुरुस्त रहे और सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रखे।

एनडीटीवी के मुताबिक़, एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि कई सुरक्षा सलाहकारों ने राज्य की पुलिस को आतंकी गतिविधियों को लेकर अलर्ट किया है। हालात पर पैनी नजर बनाए रखते हुए केंद्रीय एजेंसियां भी राज्य की पुलिस और स्थानीय ख़फ़िया एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। 

एनडीटीवी के मुताबिक़, वरिष्ठ अफसर ने कहा कि हमने राज्य के खुफिया अफसरों के साथ बैठक की है और उन्हें आतंकी गतिविधियों के बारे में चेतावनी दी है। हमने उनसे कहा है कि वह सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर नजर रखें और जो ताजा हालात हैं उसमें पंजाब कश्मीर से ज्यादा नाजुक है। 

ताज़ा ख़बरें

अफसर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में सीमा वाले इलाकों में ड्रोन के जरिए होने वाली गतिविधियां बढ़ी हैं और इस बात की आशंका है कि राज्य की कानून व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए विस्फोटक पदार्थों की तस्करी की जा रही है। 

बीते कुछ महीनों में सीमा से सटे इलाकों में ड्रोन की गतिविधियां लगातार देखी जा रही हैं, ऐसे में इस चेतावनी को बेहद गंभीरता से लेने की ज़रूरत है। 

बता दें कि लुधियाना की एक अदालत के परिसर में हुए बम धमाके को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। यह धमाका उस वक्त हुआ है जब पंजाब में बेअदबी की घटनाओं को लेकर जबरदस्त तनाव है। 

देखिए, पंजाब के हालात पर चर्चा। 

आतंकवाद का शिकार रहा है पंजाब 

पंजाब लंबे वक्त तक आतंकवाद का शिकार रहा है। इसकी लंबी सीमा पाकिस्तान से मिलती है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर हमेशा यह आरोप लगता रहा है कि वह पंजाब का माहौल खराब करना चाहती है और सीमा पार से लगातार नशे और विस्फोटक पदार्थों को पंजाब में भेजती है। 

किसान आंदोलन के दौरान भी आईएसआई पर यह आरोप लगा था कि वह पंजाब के सिखों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम कर रही है। 

पंजाब से और ख़बरें
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कई बार इस बात को कह चुके हैं कि पड़ोसी मुल्क यहां का माहौल खराब करने की कोशिश में लगा रहता है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब को लेकर खुफिया एजेंसियों की यह चेतावनी बेहद अहम है और इस चेतावनी को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

पंजाब से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें